हाईकोर्ट को अतिरिक्त स्थान देने के लिए प्रशासन के टालमटोल वाले रवैए पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि वर्तमान में जजों के 85 पद मंजूर हैं और हमारे पास केवल 69 कोर्ट रूम हैं।यदि सभी रिक्त पद भर जाते हैं तो आने वाले जजों को हम कहां बैठाएंगे। इमारत आज के लिए काफी नहीं है तो आज के 50 साल बाद की स्थिति कैसे झेल पाएगी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने न्यायिक आदेश जारी करते हुए प्रशासन को आदेश दिया है कि सारंगपुर में 14.89 एकड़ भूमि का अलॉटमेंट लेटर बुधवार तक सौंपा जाए।मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह आरंभ हुई तो प्रशासन की ओर से भूमि के अलॉटमेंट को लेकर कुछ समय देने की अपील की गई। इस पर हाईकोर्ट ने एक घंटे बाद सुनवाई तय कर दी और जब दोबारा सुनवाई आरंभ हुई तो प्रशासन ने फिर से समय मांग लिया। इस पर हाईकोर्ट ने तीन बजे फिर से सुनवाई करने का निर्णय लिया। तीन बजे सुनवाई आरंभ होते ही हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब इस मामले में कोई देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।50 साल बाद की स्थिति को देखना होगाहाईकोर्ट ने कहा कि वर्तमान में केवल 56 जज कार्यरत हैं और फिर भी इस इमारत पर बहुत अधिक बोझ है। जजों के स्वीकृत पद 85 हैं और यदि यह सभी जज नियुक्त हो जाएंगे तो उनके लिए बैठने का स्थान तक उपलब्ध नहीं होगा। हाईकोर्ट के लिए स्थान निर्धारित करते हुए भविष्य के बारे में नहीं सोचा गया, लेकिन हमें अभी 50 साल बाद की स्थिति को देखते हुए आगे बढ़ना होगा। उस समय तक शायद जजों की मंजूर संख्या भी करीब 150 पहुंच जाएगी। ऐसे में हमें अतिरिक्त स्थान की जरूरत है।हाईकोर्ट ने कहा कि प्रशासन को इतना समय दे दिया गया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ और ऐसे में अब न्यायिक आदेश जरूरी हो गया है। हाईकोर्ट ने अब न्यायिक आदेश जारी करते हुए प्रशासन को बुधवार तक सारंगपुर में 14.89 एकड़ भूमि का अलॉटमेंट लेटर सौंपने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सेक्टर-17 और राम दरबार में जो इमारत हाईकोर्ट के रिकॉर्ड के लिए मौजूद है सारंगपुर में भूमि मिलने के बाद भी ये दोनों इमारतें हाईकोर्ट के पास ही रहेंगी।हेरिटेज स्टेटस तो क्या काम रोक देंहाईकोर्ट में प्रशासन की हेरिटेज स्टेटस की दलीलों पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि क्या हम काम छोड़ दें। यदि स्टेटस को लेकर समस्या है तो हमें अतिरिक्त भूमि देने में इतनी देर क्यों हो रही है। यदि इस इमारत का विस्तार नहीं हो सकता तो कहीं और निर्माण तो किया जा सकता है। ऐसे में मास्टर प्लान के अनुसार जो रिक्त स्थान प्रशासन के पास मौजूद है उसको लेकर जवाब दाखिल किया जाए।