जयपुर हाईकोर्ट में गुरुवार को केसों की सुनवाई के साथ एक याचिकाकर्ता की शारीरिक माप परीक्षा भी हुई है। जयपुर हाई कोर्ट के इतिहास में संभवतया यह पहला मामला है कि किसी याचिकाकर्ता की जज के सामने शारीरिक माप परीक्षा हुई है। इस परीक्षा में याचिकाकर्ता फेल हो गया। यह केस CAPF-SSF असम राइफल भर्ती 2023 भर्ती से जुड़ा है। याचिकाकर्ता की यह परीक्षा जस्टिस समीर जैन की कोर्ट रूम में हुई।
दरअसल मंजीत कुमार वर्मा ने सेन्ट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF-SSF) असम राइफल भर्ती 2023 भर्ती के लिए अप्लाई किया था। यह भर्ती परीक्षा अक्टूबर 2024 में 26146 पदों के लिए अजमेर में हुई थी। इसमें शारीरिक माप परीक्षा के आधार पर मंजीत सिंह को भर्ती से बाहर कर दिया गया। इस पर मंजीत सिंह ने शारीरिक परीक्षण को गलत बताते हुए इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिकाकर्ता का तर्क था कि उसकी हाईट 170 सेंटीमीटर से ज्यादा है। लेकिन शारीरिक दक्षता परीक्षा में उसकी हाइट कम मापी गई है। जबकि परीक्षा में पास होने के लिए 170 सेमी हाइट होना ही जरुरी है।
फेल होने पर कोर्ट ने परिवादी की याचिका को खारिज कर दिया
कोर्ट ने उसकी याचिका स्वीकार उस पर सुनवाई की। इसके लिए हाई कोर्ट ने असम राइफल से जुड़े अधिकारियों को इंस्ट्रूमेंट के साथ कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए थे। अदालत के निर्देश पर इस पर गुरुवार को सीएपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अनुपम सिंह और डिप्टी कमांडेंट यशवीर सहित अन्य अधिकारी कोर्ट में पेश हुए। उसके बाद जस्टिस समीर जैन के कोर्ट रूम में मंजीत सिंह की शारीरिक माप परीक्षा हुई। यह परीक्षा पैरामिलिट्री फोर्स के उपकरणों के माध्यम से हुई। हाईकोर्ट के डॉक्टर डॉ। अजय पुरोहित ने शारीरिक नाप तौल की इस प्रक्रिया को पूरा किया। इसमें याची की हाईट 168।5 सेंटीमीटर सामने आई। इस पर कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया।
इसलिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था
याचिकाकर्ता के वकील महेन्द्र सारण और महावीर जिंदल के अनुसार उनके परिवादी का भर्ती के दौरान पीएसटी टेस्ट हुआ था। उसमें उसकी हाइट, चेस्ट और दौड़ की दक्षता जांची गई। भर्ती से बाहर होने के बाद परिवादी ने जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टर चिकित्सकों से हाईट का माप करवाया तो उसकी हाईट 170।4 सेंटीमीटर आई थी। इसलिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। यहां याचिकाकर्ता की हाईट 169।5 मापी गई है।