हाईकोर्ट ने दिल्ली में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के कार्यान्वयन के लिए निर्देश मांग याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। यह याचिका दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के सभी सात सांसदों ने दायर की है।
इस मामले में मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने केंद्र सरकार व उपराज्यपाल को भी नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की कड़ी आलोचना की। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर तय की है। मौखिक टिप्पणियों में अदालत ने कहा कि स्वास्थ्य प्रणाली खराब प्रदर्शन कर रही है, जिसमें पुराने और खराब चिकित्सा उपकरण हैं। बताते चलें कि दिल्ली के भाजपा सांसदों ने अक्टूबर में उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर आम आदमी पार्टी सरकार के शहर में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू न करने के फैसले को चुनौती दी थी। याची की ओर से पेश अधिवक्ता ने अप्रैल में पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा दिए गए एक बयान को पढ़ते हुए कहा कि दिल्ली सरकार से इस योजना के तहत उपलब्ध वित्तीय सहायता का लाभ उठाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का कई बार आग्रह किया गया है, लेकिन वह अभी तक आगे नहीं आई है।
दिल्ली के कुल 6,54,041 परिवार (लगभग 30 लाख व्यक्ति) आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के तहत पात्र हैं। उन्होंने कहा यदि केंद्र शासित प्रदेश एबी पीएम-जेएवाई का हिस्सा होता, तो उसे योजना कार्यान्वयन के लिए प्रति वर्ष 47 करोड़ रुपये मिलते। योजना को 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी लोगों के लिए बढ़ा दिया गया है, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
आयुष्मान योजना का दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा से विरोधाभास: आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी का मानना है कि दिल्ली सरकार आयुष्मान भारत योजना को सैद्धांतिक रूप से लागू करने के लिए तैयार है। लेकिन इसकी शर्तें दिल्ली सरकार की नीतियों से मेल नहीं खातीं हैं। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सभी के लिए फ्री स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, जबकि आयुष्मान भारत में बहुत सी शर्तें हैं। आतिशी के मुताबिक, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसा सिस्टम तैयार किया जाए जिसमें दिल्ली के लोगों को उनकी मौजूदा मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलती रहें और आयुष्मान भारत का फायदा भी मिल सके। हाई कोर्ट से नोटिस मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार हमेशा से यह सुनिश्चित करने में लगी है कि दिल्ली के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। सरकार आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए पहले से ही तैयार है। समस्या यह है कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं और आयुष्मान भारत योजना में कई विरोधाभास हैं।
दिल्ली में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था : बांसुरी
भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, बांसुरी स्वराज, योगेंद्र चंदोलिया, कमलजीत सहरावत, प्रवीन खंडेलवाल ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने आयुष्मान योजना को दिल्ली में लागू कराने का संकल्प लिया था, उसके तहत एक याचिका हाई कोर्ट में डाली गई थी। इस पर अब कोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में खुद आयुष्मान भारत योजना दिल्ली में लागू करने की घोषणा की, पर आज तक लागू नहीं हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों ने बार बार दिल्ली विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया, लेकिन अपने राजनीतिक द्वेष के कारण उन्होंने लागू नहीं किया। चुनाव के बाद इस योजना को लागू करने के लिए सातो सांसदों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिस पर आज हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। योजना को लागू कराने के लिए दिल्ली में एक दिसंबर से सात दिसंबर के बीच सिग्नेचर कैंपेन चलाया जाएगा और घर-घर जाकर वरिष्ठ नागरिकों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे।