मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बने नए कानून को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई है। याचिका में मांग की गई है कि संसद द्वारा पास किए गए संशोधन को रद्द किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर नियुक्तियों में देश के चीफ जस्टिस को पैनल में शामिल करने की मांग की गई है।

मुख्य चुनाव आयुक्त

संशोधित कानून के मुताबिक, सीजेआई (CJI) को सलेक्शन पैनल से हटा दिया गया और इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री कर दिया गया। बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े कानून में संशोधन को लेकर ये याचिका वकील गोपाल सिंह ने दाखिल की है।

संशोधन पर रोक
याचिका में इस संशोधन पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में नियुक्ति करने वाली कमेटी में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता, कैबिनेट मंत्री के अलावा चीफ जस्टिस को भी शामिल करने की भी मांग है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाना जरूरी है।

फैसले में क्या कहा
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च, 2023 में अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाएगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने इस फैसले पर एक नया कानून बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया में चीफ जस्टिस के बजाय सरकार के एक कैबिनेट मंत्री को शामिल कर दिया।

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