परीक्षा अधिनियम, मारपीट जैसे मामलों में कई साल से पेशी पर चक्कर लगाने वाले पांच आरोपितों ने शनिवार को अपना जुर्म स्वीकार कर खुद ही सजा सुनाए जाने की मांग की। पुलिस आरोपितों के लिए पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी थी। इस पर कोर्ट ने सभी को अर्थदंड से दंडित किया है।

सैनी कोतवाली पुलिस ने वर्ष 2000 में फतेहपुर जिले के थरियांव क्षेत्र के सराय खालिक निवासी रामपाल को गिरफ्तार कर परीक्षा अधिनियम की धारा में चालान किया था। मामला CJM कोर्ट में विचाराधीन था। पुलिस आरोपित के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी।

इधर पेशी पर आते-आते आरोपित परेशान हो चुका था। इस पर शनिवार को उसने कोर्ट में जुर्म कुबूल कर सजा दिए जाने की मांग की। कोर्ट ने पत्रावली में मौजूद साक्ष्य व केश डायरी का अवलोकन करने के बाद आरोपित को एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंड़ित किया है।

सैनी कोतवाली में दर्ज मारपीट व धमकी देने के आरोपित फतेहशाह का पुरवा निवासी इदरीश को कोर्ट 1500 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाया है। इसी तरह कोखराज कोतवाली पुलिस द्वारा आरोपित धर्मेंद्र कुमार व उसके भाई रामलाल को एक-एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया गया है। मंझनपुर में दर्ज अवैध असलहा रखने के आरोपित मेड़ीपुर निवासी हीरालाल को 1500 रुपये के अर्थदंड से दंड़ित किया गया है।

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