भारत एक लोकतंत्र है। लोकतांत्रिक प्रणाली में हर नागरिक को कुछ संवैधानिक अधिकार प्राप्त होते हैं। हर नागरिक को अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है, शिक्षा और जागरूकता के अभाव में बहुत सारे नागरिकों को अपने कानूनी अधिकार नहीं पता होते, जिसकी वजह से हम परेशानी, भ्रष्टाचार और धोखेबाजी का शिकार हो जाते हैं।
आइए जानते है इन क़ानूनी अधिकारों के बारे में :-
1.आपके एल.पी.जी गैस कनेक्शन के साथ आपको 40 लाख रूपये तक की इंश्योरेंस स्वत: मिलती है। यानि खुदा-न-खास्ता यदि आपके गैस सिलिंडर में विस्फोट होता है तो आपको 40 लाख रूपये तक का मुआवजा मिल सकता है।
2.अगर आप किसी कंपनी द्वारा भेंट किये हुए तोहफे को स्वीकार करते हैं तो आप पर कोई भी व्यक्ति रिश्वत लेने का मुकदमा चला सकता है। आजकल कंपनियों में लोगों को तोहफे भेजने की परम्परा बनती जा रही है। सरकार द्वारा इस तरह की परम्परा को खत्म करने के लिए वर्ष 2010 में एक कानून बनाया गया और इस कानून के मुताबिक अगर आप किसी कंपनी से किसी तरह का तोहफा लेते हैं तो उसको रिश्वत समझा जायेगा और आप पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है।
3.भारत में केवल महिला पुलिस अधिकारी के पास ही महिलाओं को गिरफ्तार करके सुरक्षित थाने में ले जाने का अधिकार होता है l अगर भारत में किसी महिला को पुरुष पुलिस अधिकारी गिरफ्तार करके थाने में लेकर जाता है तो इसको अपराध माना जाता है और ऐसे पुलिस अधिकारियों पर कानूनी कारवाई हो सकती है। अगर किसी महिला को रात के 6 बजे से लेकर सुबह के 6 बजे समय के बीच पुलिस स्टेशन आने के लिए कहा जाता है तो उस महिला को अधिकार है कि वह पुलिस स्टेशन आने से मना कर सकती है।
4.इनकम टैक्स अधिकारियों या कर वसूल करने वाले अधिकारियों के पास आपको गिरफ्तार करने का अधिकार होता है। अगर आप ने टैक्स नहीं दिया तो टी.आर.ओ (Tax Recovery Organization) के पास आपको गिरफ्तार करने का अधिकार होता है और उनकी अनुमति पर ही आप जेल से छूट सकते हैं। इस नियम का उल्लेख वर्ष 1961 के इनकम टैक्स एक्ट में किया गया है।
5.साइकिल चलाने वालों पर कोई मोटर व्हीकल एक्ट नहीं लागू होता। अगर आप रोजाना साइकिल चलाते हैं तो आपको मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं क्योंकि मोटर व्हीकल एक्ट के अधीन साइकिल और रिक्शा नहीं आते।
6.महिलाएं, पुलिस को ई-मेल के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में महिलाओं को ऐसी सुविधा दी है जिनमें महिलाएं घर बैठे-बैठे अपनी शिकायत को ई-मेल के माध्यम से दर्ज करवा सकती हैं और उन्हें पुलिस स्टेशन आने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
7.भारत में अभी भी बहुत सारे लोग लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी अपराध मानते हैं। भारतीय कानून के अनुसार लिव-इन रिलेशनशिप अवैध नहीं है लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले पुरुष और महिला को बहुत सारी बातों का ध्यान रखना होता है। अगर लिव-इन रिलेशनशिप में बच्चे का जन्म होता है तो उसका माता-पिता की प्रॉपर्टी पर पूरा-पूरा अधिकार होगा.
8.भारत में अगर आप पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने की वजह से दिन में एक बार जुर्माना लग गया है तो आप पर पुलिस अधिकारी पूरे दिन फिर जुर्माना नहीं लगा सकते। उदाहरण के लिए अगर आप पर दिन में एक बार हेलमेट ना पहनने का चालान हो गया है तो रात तक आप बिना हेलमेट पहने घूम सकते हैं और ट्रैफिक अधिकारी आप पर जुर्माना नहीं लगा सकता।
9.आप के पास वस्तु की अधिकतम खुदरा मूल्य (Maximum Retail Price) से कम कीमत देने का अधिकार होता है। आप दुकानदार से कोई वस्तु सौदे के साथ भी खरीद सकते हैं जैसे कि अगर किसी वस्तु का मूल्य 100 रूपये है तो आप सौदा करके उस वस्तु को 90 रूपये में भी खरीद सकते हैं।
10.अगर कोई व्यक्ति आप से काम लेकर या आपसे पैसे उधार लेकर आपको भुगतान नहीं करता तो आप अदालत में उस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं। भारतीय अधिनियम के अनुसार अगर कोई आपको भुगतान नहीं दे रहा तो आप उस व्यक्ति के खिलाफ अदालत में एप्लीकेशन लिख कर मामला दर्ज करवा सकते हैं। यह आपका कानूनी अधिकार होता है। आपके पास उस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने का तीन साल का समय होता है जिससे आप ने पैसे लेने हैं।
11.अगर आप सार्वजनिक जगह पर अश्लील गतिविधियां करते हैं तो आपको तीन महीने की सजा हो सकती है।
12.पुलिस का हैड-कांस्टेबल किसी ऐसे अपराध के लिए आपको दंड नहीं दे सकता जिसका जुर्माना 100 रुपये से अधिक हो। अगर आपने एक से अधिक कानून के नियमों का उलंघन किया तो आपका चालान किया जा सकता है।
12.वर्ष 1861 में बने पुलिस एक्ट के अनुसार भारत के हर राज्य का पुलिस अधिकारी हमेशा ड्यूटी पर रहेगा। अगर किसी जगह पर आधी रात को भी कोई अपराध या घटना होती है तो पुलिसकर्मी को यह कहने का कोई अधिकार नहीं होता कि वह ड्यूटी पर नहीं हैं क्योंकि पुलिस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मी बिना वर्दी के भी हमेशा ड्यूटी पर रहते हैं।
13. वर्ष 1956 में बने हिंदू गोद और रखरखाव अधिनियम के अनुसार अगर आप हिंदू धर्म के हैं और आपके एक बच्चा है तो आप दूसरा बच्चा गोद नहीं ले सकते। अगर आपका कोई बच्चा नहीं है और आप बच्चा गोद लेना चाहते हो तो आपकी और बच्चे की उम्र में कम से कम 21 वर्ष का अंतर होना आवश्यक है।