रायपुर. पेशे से अधिवक्ता छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के सदस्य मनोज सिंह ठाकुर ने लिव इन रिलेशनशिप कानून को भारतीय संस्कृति सनातन धर्म, संस्कार और नैतिकता के विरुद्ध व हिन्दू शास्त्रों के कानून बताया है. श्री ठाकुर ने सभी सनातन हिंदू धर्मावलंबियों से इस कानून के विरुद्ध मुखर होकर बात करने व विरोध करने की अपील तथा आव्हान किया है ताकि भारत जैसे संस्कार, संस्कृति व धर्म के देश में ऐसे नैतिकता के विरुद्ध कानून प्रचलन में ना आये और इसका लाभ लेकर हमारी धर्म, संस्कार,संस्कृति व नैतिकता पर कुठाराघात ना हो . 

IPC की धारा 497 व धारा 377 का लोप किया जाना दुर्भाग्य जनक


मानवीय सभ्यता को पशुता की खुली आजादी ना मिले, श्री ठाकुर ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि, धीरे-धीरे भारतीय संस्कार व संस्कृति से जुड़े हुए कानूनों का लोप किया जा रहा है. जैसे भारतीय दंड विधान की धारा 497 व धारा 377 का लोप किया जाना भी दुर्भाग्य जनक है . ऐसे कानून कहीं ना कहीं मानव जाति को सभ्यता के मार्ग में चलने को प्रेरित करते थे जिनका लोप किया जाना  हिंदू धर्म,संस्कृति व शास्त्रों के विरुद्ध है.

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