सुप्रीम कोर्ट में फाइलिंग के लिए एक ही ओर प्रिंटेड कागज़ का उपयोग किया जाता था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में दोनों ओर मुद्रित पेपर का उपयोग किया जाएगा। पर्यावरण हित को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कागज के उपयोग के युक्तिकरण के लिए समिति की एक बैठक जिसमें SCBA (सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन) व SCAORA ( एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ) भी शामिल रहे, उसमें यह फैसला लिया गया। सुप्रीम कोर्ट समिति ने बार सदस्यों को पिछले महीने इसकी खपत को कम करने के उद्देश्य से कागज और अन्य मापदंडों से संबंधित नियमों पर चर्चा करने आमंत्रण दिया था। गुरुवार को परिपत्र जारी किया गया जो जिसमें लिखा है – “सम्मानित सदस्यों को सूचित किया जाता है कि SCBA और SCAORA ( एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ) सदस्यों के साथ पेपर के उपयोग को लेकर न्यायधीशों की बैठक हुई। इसमें पर्यावरण की रक्षा के लिए ए4 स्टैंडर्ड आकार के कागज का उपयोग करने और दोनों साइड प्रिंट का फैसला किया गया। कैविएट दाखिल करने से संबंधित संशोधनों को सुधारने के लिए बार के अनुरोध को स्वीकार किया जाए।”