निर्भया केस में मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने मंगलवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा उनकी दया याचिका की अस्वीकृति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की है, गौरतलब है कि दोषियों को फांसी की सजा के खिलाफ कानूनी उपायों को समाप्त करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एक सप्ताह के समय का मंगलवार को ही अंतिम दिन है। वकील ए पी सिंह के माध्यम से दायर याचिका में, विनय शर्मा ने दावा किया कि जेल में क्रूर और अमानवीय व्यवहार के कारण उसे ” मानसिक आघात” का सामना करना पड़ा और जेल में यातना भी दी गई। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसे एकांत कारावास में रखा गया था जो मानदंडों का उल्लंघन करता है। कई मेडिकल रिकॉर्ड में कहा गया है कि शारीरिक चोट और यातना के कारण उसके शरीर पर चोटें आई थीं। शर्मा ने दावा किया कि अवसाद, चिंता और समायोजन विकारों के कारण वो मानसिक और व्यवहार संबंधी मुद्दों का सामना कर रहा है याचिका में ” शत्रुघ्न चौहान” मामले में उच्चतम न्यायालय के 2014 के फैसले का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि मानसिक बीमारी के दोषियों को मृत्युदंड नहीं दिया जाना चाहिए। 

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