मध्य प्रदेश के डॉ मोहन यादव कैबिनेट में खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत की मुश्किल फिर बढ़ गई है। सागर के लापता हुए मानसिंह पटेल की गुमशुदगी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस को नई एसआईटी गठित करने को कहा है। कोर्ट ने 4 महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
सागर जिले के मानसिंह पटेल 2016 से लापता हैं। मंत्री गोविंद राजपूत और उनके सहयोगियों पर कथित रूप से मानसिंह को अवैध हिरासत में रखने का आरोप है। इस मामले में मंत्री गोविंद राजपूत का कहना है कि यह राजनीतिक षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। इससे मानसिंह के परिजनों के साथ ही मुझे भी इंसाफ मिलेगा।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष को छूट दी है कि जरूरत पड़ने पर या जांच के बाद सख्त कदम नहीं उठाने पर वह फिर से सुप्रीम कोर्ट आ सकता है। कोर्ट ने डीजीपी को आदेश दिया है कि एसआईटी में एक आईजी, एक वरिष्ठ अधीक्षक, अधीक्षक (या अतिरिक्त) रैंक के अधिकारियों को शामिल करें। कोर्ट ने स्पष्ट किया के सभी अधिकारी मध्य प्रेदश कैडर के सीधी भर्ती वाले आईपीएस होने चाहिए। राज्य पुलिस सेवा का एक भी अधिकारी इसमें न हो। कोर्ट ने गुमशुदगी रिपोर्ट को एफआईआर में बदलने का आदेश भी दिया है। विवादित जमीन के राजस्व रिकार्ड की जांच की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- “इसमें कोई दो राय नहीं है कि लापता व्यक्ति को जानने वाले लोगों के मन में छिपे संदेह को संतोषजनक ढंग से दूर किया जाना चाहिए। यहां तक कि उन लोगों के हित में भी जिनके खिलाफ संदेह की सुई उठाई गई है। ”
ओबीसी महासभा ने लगाई थी याचिका
सागर जिले से गुमशुदा मजदूर मान सिंह पटेल (कुशवाहा) के संबंध में OBC महासभा और अन्य द्वारा दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। दायर याचिका में कहा गया है कि मान सिंह पटेल की जमीन सागर जिले के तिली में थी। जिस पर वर्तमान में मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत काबिज हैं। आरोप है कि जब उक्त जमीन पर कब्जा किया जा रहा था, तब मान सिंह पटेल ने वर्ष 2016 में सिटी मजिस्ट्रेट और रेवेन्यू डिपार्टमेंट एवं संबंधित थाने में नामजद शिकायत दर्ज कराई थी।
मान सिंह पटेल के बेटे सीताराम ने 23 अगस्त 2016 को थाने में अपने पिता मान सिंह पटेल को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत समेत अन्य लोगों द्वारा जबरन घर से ले जाने की शिकायत की गई थी। बाद में सागर शहर के सिविल लाइन थाना में इस शिकायत के आधार पर मान सिंह की गुमशुदगी की FIR दर्ज की गई। इसमें बाद में सीताराम ने बयान बदला था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया मंत्री गोविंद राजपूत ने
इधर फैसले के बाद गोविंद सिंह ने कहा- मैं फैसले का स्वागत करता हूं कि एसआईटी गठन का आदेश हुआ है। राजनीतिक षड्यंत्रों के तहत मुझपर आरोप लगाए जाते रहे हैं। जांच से पीड़ित के साथ-साथ मुझे और मेरे परिवार को भी न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि एसआईटी की जांच में सच्चाई सामने आएगी।
राजनीति के चलते अनर्गल आरोप लगाए गए है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मेरे विरुद्ध की गई साजिश का भी पर्दाफाश होगा। मंत्री राजपूत ने कहा कि जो लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर गुमराह कर रहे हैं। उनके खिलाफ कोर्ट में जाएंगे और मानहानि का नोटिस देंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि मुझे कोई नोटिस आदि सुप्रीम कोर्ट से अभी तक नही मिला है और मेरे खिलाफ कोई टिप्पणी भी नहीं की गई है। मुझे कोर्ट के फैसले से न्याय मिला है।