सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, अदालत संख्या-2, लखनऊ की अदालत ने मुंबई के फैशन डिजाइनर श्री आदेश बाजपेयी की हत्या से संबंधित मामले में आज आरोपी राहुल वर्मा को आजीवन कारावास एवं 75,000 रू. जुर्माने की सजा सुनाई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश, दिनांक 08.10.2010 के अनुपालन में क्रमशः कल्याणपुर पुलिस स्टेशन, जिला कानपुर नगर की प्राथमिकी संख्या 842/2008 एवं मूलगंज पुलिस स्टेशन, जिला कानपुर नगर की प्राथमिकी संख्या 137/2008 को अपने हाथों में लेकर दिनाँक 18.11.2010 को दो मामले दर्ज किए।
प्राथमिकी संख्या 842/2008 से संबंधित मामला, भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201 के तहत दिनाँक 03.09.2008 को थाना कल्याणपुर, जिला कानपुर नगर में आईआईटी कानपुर के सुरक्षा अधिकारी द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसमें कहा गया था कि आईआईटी कानपुर परिसर के पुराने टाइप-III क्षेत्र में एक बोरे में हड्डियां बरामद हुई है। इसके पश्चात, पंचायतनामा/पीएम के आधार पर जांच पड़ताल की गई।
सीबीआई ने दूसरा मामला, कानपुर में मूलगंज चौराहा, कानपुर नगर से अपने पुत्र श्री आदेश बाजपेयी की गुमशुदगी (लापता) के संबंध में श्री सूर्य कुमार बाजपेयी, निवासी जिला-ठाणे, महाराष्ट्र द्वारा दिनांक 20.08.2008 को दर्ज की गई लिखित शिकायत के आधार पर दिनाँक 13.10.2008 को भारतीय दंड संहिता की धारा 364 के तहत मूलगंज, कानपुर, पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी संख्या 137/2008 को अपने हाथों में लिया।
जांच के दौरान, यह पता चला कि मृतक आदेश बाजपेई, मुंबई का फैशन डिजाइनर था, वह दिनांक 04.08.2008 को मुंबई से लखनऊ आया था एवं वह दिनांक 10.08.2008 को लखनऊ से कानपुर गया था। मृतक आदेश बाजपेयी और आरोपी राहुल वर्मा एक समूह के सदस्य थे। यह भी पता चला कि मृतक आदेश बाजपेयी दिनांक 10.08.2008 की रात मूलगंज चौराहा, कानपुर से आरोपी राहुल वर्मा के साथ गया था।
जांच के दौरान, सीबीआई ने सीएफएसएल, चंडीगढ़ के विशेषज्ञों द्वारा स्कल सुपर इम्पोज़िशन टेस्ट(Super Imposition Test ) तथा सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी), हैदराबाद के विशेषज्ञों द्वारा आईआईटी, कानपुर परिसर से बरामद हड्डियों का माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए विश्लेषण (Mitochondrial DNA Analysis) और सीएफएसएल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ द्वारा आरोपी राहुल वर्मा का फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन (Psychological Assessment) की व्यवस्था करवाई। डीएनए विशेषज्ञों की राय थी कि हड्डियां आदेश बाजपेयी की थीं।
विशेषज्ञों द्वारा किए गए इन परीक्षणों/रिपोर्टों एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से मृतक की हत्या में आरोपी की भूमिका सिद्ध हुई। आरोपी को दिनांक 24.01.2012 को गिरफ्तार किया गया था।
दोनों मामलों में जांच के पश्चात, सीबीआई ने दिनाँक 20.04.2012 को आरोपी राहुल वर्मा पुत्र मुन्ना लाल, निवासी लखनऊ, के विरुद्ध विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीबीआई मामले, लखनऊ, की अदालत में सामूहिक आरोप पत्र (Common charge- sheet ) दायर किया।
सुनवाई के पश्चात, अदालत ने आरोपी राहुल वर्मा को दोषी पाया एवं उन्हें तदनुसार सजा सुनाई। विचारण के दौरान, सीबीआई ने प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित किया, ठोस सबूत पेश किए, 44 गवाहों की जांच पड़ताल की और 66 दस्तावेजों व 16 भौतिक वस्तुएं पेश की, जिसके कारण आरोपी का दोष सिद्द हुआ।