बंधुआ मजदूरों को छुड़वाने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने पर हाईकोर्ट ने हिसार के डीसी को जमकर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि डीसी के मन मे न्यायालय व उसके आदेश के लिए कोई सम्मान नहीं है। ऐसे में वह बताएं कि क्यों न उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना के तहत कार्रवाई की जाए।

हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए हिसार निवासी रवि ने एडवोकेट सर्वेश गुप्ता के माध्यम से बताया था कि उसके कुछ रिश्तेदारों को ईंट भट्ठा मालिक जून में दिहाड़ी पर अपने साथ लेकर गए थे। इसके बाद न तो उन्हें पैसे दिए गए और न ही वहां से बाहर जाने दिया जा रहा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में 3 जनवरी को हिसार के डीसी को आदेश दिया था कि इस याचिका को बंधुआ मजदूरी निरोधक अधिनियम के तहत शिकायत मानते हुए बंधक बनाए मजदूरों को छुड़वाया जाए।

याची ने बताया कि इस आदेश के बारे में डीसी को 4 जनवरी को जानकारी दे दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर हाईकोर्ट ने 15 जनवरी को डीसी को इस पर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया था। अपने जवाब में उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर को उन्हें इस संदर्भ में रिपोर्ट मिल चुकी थी और इसे उन्होंने एडवोकेट जनरल को भेज दिया था।

हाईकोर्ट ने डीसी उत्तम सिंह के हलफनामे को देखने के बाद कहा कि यह हलफनामा अभिमान के साथ और बेहद अनौपचारिक रूप से लिखा गया है। 3 जनवरी के आदेश का पालन दिखाने के लिए 20 दिसंबर की रिपोर्ट का हवाला दिया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि डीसी के मन में न्यायालय के लिए सम्मान मौजूद नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट ने डीसी को अवमानना नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना के तहत कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने बंधुआ मजदूरों को छुड़वाने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है।

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