सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष फरवरी-मार्च माह में हुई वकीलों की हड़ताल से जुडे़ मामले में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर से तीन सप्ताह में बताने को कहा है कि वकील बार-बार हड़ताल पर क्यों जाते हैं। इसके साथ ही अदालत ने एसोसिएशन से यह अंडरटेकिंग मांगी है कि वे भविष्य में हरीश उप्पल के मामले में दिए गए दिशा-निर्देश के विपरीत जाकर हड़ताल नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों के हड़ताल पर जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इससे न्यायिक प्रक्रिया में रुकावट आती है और इसे उचित नहीं माना जा सकता। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर की ओर से अधिवक्ता डा. अभिनव शर्मा ने पक्ष रखते हुए कहा कि वकील हड़ताल पर नहीं थे, बल्कि जोधपुर में एक वकील का सरेआम मर्डर हो जाने से पूरे प्रदेश के वकील अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को लागू करने की मांग पर आंदोलन पर थे।
वहीं, देहरादून बार एसोसिएशन से जुडे़ मामले में बार एसोसिएशन पूर्व में ही हड़ताल नहीं करने के संबंध में अंडरटेकिंग दे चुकी है। यह आंदोलन सरकार के खिलाफ था और हड़ताल नहीं थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चाहे यह आंदोलन ही क्यों ना हो अदालती कार्रवाई में रुकावट नहीं होनी चाहिए। यदि पूर्व में बार एसोसिएशन ने अंडरटेकिंग दी भी हो तो वे वापस अपनी अंडरटेकिंग दें। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर महीने में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष व महासचिव को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस की पालना करवाने का निर्देश दिया था। वहीं हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के मौजूदा अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया कि उनकी कार्यकारिणी हाल में निर्वाचित हुई है। यह मामला एसोसिएशन की पूर्व कार्यकारिणी के कार्यकाल से जुड़ा है। इस मामले को कार्यकारिणी की मीटिंग में रखा जाएगा।