बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को बदलापुर से शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के नेता वामन म्हात्रे को अग्रिम जमानत दे दी, जिन्होंने एक पत्रकार से कहा था, ‘क्या तुम्हारे साथ बलात्कार हुआ है.’ एफआईआर के बयान के मुताबिक, म्हात्रे ने पत्रकारों की मर्यादा को ठेस पहुंचाते हुए यह बात कही थी.
‘SC-ST एक्ट का मामला नहीं’
म्हात्रे के खिलाफ आरोप अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत भी लगाए गए थे क्योंकि महिला पत्रकार अनुसूचित जाति से थी. जस्टिस संदीप म्हात्रे ने कहा कि इस अधिनियम के तहत आरोप तब तक नहीं लगाए जा सकते जब तक कि आरोपी को यह जानकारी न हो कि जिस व्यक्ति पर बयान दिया गया है वह अनुसूचित जाति का सदस्य है.
पीठ ने कहा, प्रथम दृष्टया एफआईआर बयान से यह संकेत नहीं मिलता है कि म्हात्रे की ओर से पत्रकार की जाति को अपमानित करने का कोई इरादा था. इसके अलावा, बेंच ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानने की गुंजाइश है कि म्हात्रे के खिलाफ एससी और एसटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराध नहीं बनता है.
पत्रकार ने लगाया था अपमानजनक टिप्पणियों का आरोप
ठाणे जिले के कुलगांव बदलापुर के पूर्व मेयर म्हात्रे ने अगस्त में बदलापुर में दो बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना की रिपोर्टिंग के दौरान महिला पत्रकार कुछ टिप्पणियां की थीं. जहां दो बच्चों का यौन उत्पीड़न किया गया था. पत्रकार ने उनकी टिप्पणियों को अपमानजनक बताया था और आरोप लगाते हुए म्हात्रे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
म्हात्रे ने सबसे पहले कल्याण सत्र अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जहां इसे खारिज कर दिया गया था. अस्वीकृति के बाद, उन्होंने वकील वीरेश पुरवंत के माध्यम से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और कहा कि घटना उस तरीके से नहीं हुई है जैसा कि पत्रकार ने आरोप लगाया है.