पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के न्यायाधीश रुद्र प्रकाश मिश्रा को करीब 10 महीने से वेतन नहीं मिला है. इस मामले में जज ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने रुख अपनाया है. सोमवार (30 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार (Bihar Government) को निर्देश दिया कि वह उनके (न्यायाधीश रुद्र प्रकाश मिश्रा) लिए अस्थायी सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाता खोलकर उनकी लंबित तनख्वाह जारी करे.

‘वेतन के बिना काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती’
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मुद्दे पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “किसी भी न्यायाधीश से वेतन के बिना काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती.” न्यायमूर्ति रुद्र प्रकाश मिश्रा को चार नवंबर 2023 को जिला न्यायपालिका से पटना उच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था. उन्हें उनकी पदोन्नति की तारीख से वेतन नहीं मिल रहा है क्योंकि उनके पास जीपीएफ खाता नहीं है, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर वेतन लेने के लिए एक शर्त है.

‘क्यों नहीं मिल रहा वेतन? यह क्या है?’
अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीश नई पेंशन योजना (NPS) के अंतर्गत आते हैं और इस लिए उनके पास जीपीएफ खाते नहीं हैं. न्यायमूर्ति मिश्रा को अपना वेतन नहीं मिल पा रहा था क्योंकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश NPS के अंतर्गत नहीं आते हैं. पीठ ने कहा, “उन्हें वेतन क्यों नहीं मिल रहा है? यह क्या है? हम उनकी तनख्वाह जारी करने के लिए अंतरिम आदेश पारित करेंगे.”

पीठ ने कहा कि वह बिहार सरकार को न्यायमूर्ति मिश्रा के लिए एक अस्थायी जीपीएफ खाता खोलने का निर्देश देगी. शीर्ष अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार तक का समय मांगा. उन्होंने पीठ को यह आश्वासन दिया कि तब तक मुद्दा सुलझ जाएगा.

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