इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि कॉलेज प्रबंध समिति के प्रबंधक की मौत हो जाए तो उप प्रबंधक को समिति का काम देखने का अधिकार है। कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से प्रबंधक की मौत के बाद अध्यापकों व स्टाफ का वेतन देने के लिए कॉलेज के बैंक खाते का संचालन वित्त एवं लेखाधिकारी को सौंपने के आदेश को रद्द कर दिया। कहा कि यह क्षेत्राधिकार ओर नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है। कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक महराजगंज को तीन हफ्ते में उप प्रबंधक के हस्ताक्षर सत्यापित करने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।

यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने प्रबंध समिति श्री नारंग संस्कृत महाविद्यालय व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची की दलील है कि महाविद्यालय के प्रबंधक की 24 जनवरी 24 को मौत हो गई। इसके बाद निरीक्षक ने बिना प्रबंध समिति को सूचना व सुनवाई का मौका दिए एक फरवरी 24 को वित्त नियंत्रक एवं लेखाधिकारी को कॉलेज के बैंक खाते के संचालन का अधिकार दे दिया।

इसे यह कहते हुए चुनौती दी गई कि जिला विद्यालय निरीक्षक को ऐसा आदेश देने का क्षेत्राधिकार नहीं है। यह अधिकार उप शिक्षा निदेशक को है। वह स्वयं या किसी को अधिकृत कर सकता है। प्रबंधक के न रहने पर उप प्रबंधक को प्रबंध समिति का काम देखने का अधिकार है, जो चुना हुआ प्रतिनिधि है। निरीक्षक को उसके अधिकार में हस्तक्षेप का हक नहीं है। लिहाजा, कोर्ट ने याचिका स्वीकार करतेे हुए जिला विद्यालय निरीक्षक का आदेश रद्द किया जाए।

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