इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के गंगानगर घाट पर नहाते वक्त महिलाओं का वीडियो बनाने के आरोपी इनामी महंत मुकेश गिरी के मामले में सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट के प्रमुख सचिव (विधि और न्याय) की पेश रिपोर्ट पर तल्ख अंदाज में सरकार से पूछा…दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी?

एक लाख के इनामी महंत मुकेश गिरि की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की अदालत कर रही है। सीलबंद रिपोर्ट अदालत में खुली तो कोर्ट ने महाधिवक्ता से पूछा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी? इस पर उन्होंने कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट पेश करने को दो दिन की मोहलत मांगी है। अब मामले की सुनवाई 30 सितंबर को होगी।

इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने साक्ष्य छिपाकर हलफनामा दाखिल किया था। इस पर खफा कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वह प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी से बिंदुवार जांच करा 12 सितंबर तक सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल करें। कोर्ट ने पुलिस के साथ-साथ महाधिवक्ता कार्यालय और अभियोजन निदेशक कार्यालय की कार्य शैली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए थे।

इसके बाद कोर्ट अपर महाधिवक्ता पीके गिरि ने अदालत ने खुद के नाम से लिखे गए पत्र को अपना मानने से इन्कार कर दिया। कोर्ट में मौजूद रहे महाधिवक्ता ने बताया कि प्रमुख सचिव (विधि और न्याय) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। पिछले आदेश के अनुपालन में चल रही जांच रिपोर्ट दो हफ्ते में पेश की जा सकेगी। लिहाजा, कोर्ट ने मामला 26 सितंबर के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था।

नियत तारीख पर प्रमुख सचिव (विधि और न्याय) की ओर से पेश सीलबंद रिपोर्ट खोली गई। कोर्ट ने महाधिवक्ता की रिपोर्ट का अध्ययन करने की मोहलत दी। साथ ही पूछा कि क्या रिपोर्ट के अनुसरण में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जवाब में उन्होंने कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो दिन का समय मांगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को नियत की है।

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