जस्टिस मनमोहन ने रविवार को राज निवास में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राज निवास में उन्हें शपथ दिलाई। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्याधीश के तौर पर लगभग 11 महीने तक सेवा देने के बाद उन्हें हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और कई अन्य लोग शामिल हुए।

दिल्ली हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त होने के बाद जस्टिस मनमोहन ने कहा कि मुझे बहुत ही खुशी है कि मुझे दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्याधीश के तौर पर नियुक्त किया गया है। यह एक विनम्र अनुभव है और कोर्ट की प्राथमिकता हमेशा यह तय करना रही है कि आम नागरिकों के लिए जीवनयापन आसान हो। हम इसी को बढ़ाहमारा मकसद यह भी तय करना है कि कानून और न्याय एक साथ रहें।

आपने देखा होगा कि पिछले कुछ महीनों में जब मैं कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश था, तो हमारी कोशिश यह सुनिश्चित करना था कि अस्पताल का बुनियादी ढांचा और जल निकासी व्यवस्था बेहतर हो। साथ ही हम यह तय करने की कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को सही खाना मिले।वा देना चाह

कौन हैं जस्टिस मनमोहन?
17 दिसंबर 1962 को दिल्ली में जन्मे न्यायमूर्ति मनमोहन ने मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड से शिक्षा हासिल की। वह जगमोहन के बेटे हैं। वह एक नौकरशाह थे और बाद में नेता भी बने। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल और दिल्ली के एलजी के तौर पर भी काम किया था। जस्टिस मनमोहन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से हिस्ट्री में बीए (Hons.) में ग्रेजुएशन की थी। इतना ही नहीं जस्टिस मनमोहन ने 1987 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की उपाधि ली।

ते हैं।1987 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के तौर पर नामांकन के बाद में उन्होंने मुख्य तौर से सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की। जस्टिस मनमोहन ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार के वरिष्ठ पैनल वकील के तौर पर काम किया। जस्टिस मनमोहन को 13 मार्च 2008 को दिल्ली हाईकोर्ट के एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त किया गया था और वे 17 दिसंबर 2009 को परमानेंट जज बने।

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