हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम में रात 12 बजे के बाद भी बार और डिस्कोथेक खुले रखने के आदेशों पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि फरीदाबाद और गुरुग्राम में बार/डिस्कोथेक को 12 बजे के बाद भी संचालन की अनुमति क्यों दी गई। आबकारी नीति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सरकार से जवाब तलब किया गया है।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा है की क्यों जिला फरीदाबाद और गुरुग्राम में बार और डिस्कोथेक को 12 बजे के बाद भी संचालन की अनुमति दी गई है और क्या इस संबंध में अन्य प्रशासनिक एजेंसियों से कोई अन्य जानकारी प्राप्त हुई है। हाई कोर्ट ने सरकार को 14 अक्टूबर तक जवाब दायर करने का आदेश दिया है।
इस मामले में दायर याचिका में सवाल उठाए गया है कि गुरुग्राम और फरीदाबाद को छोड़कर अन्य सभी जिलों में बार और पब को आधी रात 12 बजे के बाद नहीं चला सकते। ये स्पष्ट रूप से मनमाना, भेदभावपूर्ण और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत संवैधानिक अधिकारों का पूरी तरह से उल्लंघन है। पंचकुला की एक कंपनी याचिका ने याचिका दाखिल की। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि वह पंचकूला में बार और पब खोलने में करोड़ों रुपये की भारी राशि खर्च करने के बाद हास्पिटैलिटी व्यवसाय चला रहे हैं।
दलील दी गई कि सरकार ने 2024-25 की आबकारी नीति लागू की थी, जिसके तहत याचिकाकर्ताओं ने पंचकूला में बार चलाने के लिए अपने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है, लेकिन सरकार ने 2024-25 की आबकारी नीति में 20 जिलों में बार/पब खोलने का समय प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसमें पंचकूला भी शामिल है। लेकिन दो जिलों यानी गुरुग्राम और फरीदाबाद को ऐसे प्रतिबंधों से बाहर रखा गया है। याचिका में सरकार की यह नीति रद करने व पूरे राज्य के लिए एक समान नीति लागू करने की कोर्ट से मांग की गई है।