कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने के लिए गृह मंत्रालय को निर्देश दिए जाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 9 अक्तूबर को सुनवाई करेगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस स्थगन की वजह बताते हुए कहा कि इसी तरह की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट भी सुन रहा है.
कोर्ट ने पूछा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई का क्या स्टेटस है? दिल्ली हाईकोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल याचिका की डिटेल कोर्ट में पेश करने को कहा है. याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने से पहले हमने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. लिहाजा इस याचिका पर पहले सुनवाई का अधिकार बनता है.
इस पर दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर को करने की बात कहते हुए कहा कि दो अदालतों के लिए एक ही मुद्दे पर सुनवाई हो रही है. चीफ जस्टिस मनोनीत मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने केंद्र के वकील से इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष इस मुद्दे पर लंबित याचिका की प्रति प्राप्त करने को कहा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी दायर हुई है याचिका
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा है. लखनऊ हाईकोर्ट में जो याचिका दायर की गई है उसमें राहुल गांधी के विदेशी नागरिक होने का दावा किया गया है. जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने अडिशनल सॉलिसिटर जनरल को इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी हासिल करने का निर्देश दिया है.
कर्नाटक के रहने वाले एस विग्नेश ने 12 सितंबर को दायर जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने अमेठी से सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के यूनाइटेड किंगडम (यूके) का नागरिक होने दावा किया है. शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने मामले की गहन जांच की और कहा कि उन्हें जो गोपनीय जानकारी मिली है, उससे पता चला है कि गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है. एस विग्नेश शिशिर ने CBI जांच की मांग के साथ ही राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के आधार पर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने की भी मांग की है