हड़ताल को लेकर हाईकोर्ट द्वारा दिए निर्णय को अपनी स्वतंत्रता पर प्रहार बताते हुए वकीलों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर उक्त मनमाने निर्णय को वापस कराने की मांग उठाई। बार एसोसिएशन गढ़मुक्तेश्वर की बैठक का आयोजन बुधवार को अध्यक्ष राजकुवंर चौहान की अध्यक्षता और सचिव चौधरी महताब अली के संचालन में हुई। जिसमें सर्वप्रथम जिला अधिवक्ता संघ का आभार जताते हुए हड़़ताल संबंधी मामले में किए जा रहे आंदोलन में बढ़ चढक़र भागीदार रहने का संकल्प लिया गया। बैठक में मौजूद वकीलों ने सर्वसम्मति से हाईकोर्ट के हड़ताल संबंधी आदेश का विरोध करते हुए इसे अपनी व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक एवं सांसारिक स्वतंत्रता पर खुली पाबंदी लगाने वाला अनैतिक आदेश बताते हुए हरसंभव स्तर पर विरोध करने का संकल्प दोहराया।
पूर्व अध्यक्ष सुबोध त्यागी, अमरपाल सिंह, सीएस यादव, सत्यप्रकाश चौहान, नरेंद्र गुप्ता, नरेश गिल, ओमपाल मावी, सुरेंद्र नागर, सतेंद्र चौधरी, विरेंद्र चौहान, केएल चौहान ने कहा कि प्रदेश के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर सभी न्यायालयों में लंबित वादों की बढ़ रही संख्या के लिए अकेले अधिवक्ता संघ और बार एसोसिएशन को दोषी मान लेना किसी भी दशा में उचित नहीं है, क्योंकि इसके लिए न्याय पालिका भी बराबर की भागीदार है। उन्होंने कहा कि वकीलों के हित में हाईकोर्ट को अपने हड़ताल संबंधी आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए। पूर्व सचिव ठाकुर सुकेंद्र, रोहताश सिंह, सुहेल आलम, अवनीश चौधरी, कलीम खान, मनोज गोयल, विकास गुप्ता, धनवंत राय, शाकिर अली ने कहा कि हड़ताल संबंधी आदेश पूरी तरह मनमाना है, जिससे वकीलों की आजादी पर सीधा हमला हो रहा है। व्यापक चर्च के उपरांत सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस संबंध में सीएम योगी को ज्ञापन भेजकर हाईकोर्ट से अपने हड़ताल संबंधी फैसले पर फिर से विचार करने की मांग की जाएगी। बैठक में बार के संयुक्त सचिव सुनील कुमार सैनी, सह सचिव पुस्कालय हरिशंकर राणा, कोषाध्यक्ष प्रदीप यादव, लेखा निरीक्षक राज जयंत, मीडिया प्रभारी मोहम्मद रिजवान, कार्यकारणी सदस्य सुभाष मोरल, अनुज चौहन, शरीफ अली, आदित्य शर्मा, कृष्ण प्रजापति, अभिषेक तोमर, श्रीनिवास, शरियत चौधरी, संजीव चौहान, मिलिन कुमार, राजकुमार चौधरी, नवनीत कुमार, आदिल चौधरी, शिमाल अहमद समेत अधिकांश वकील मौजूद रहे।