भारत के संविधान में वर्तमान समय में 448 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियां हैं जबकि मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां थी| भारत का संविधान 29 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था जिसको 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू किया गया था| इस लेख में उन सभी जरूरी अनुच्छेदों को शामिल किया है जो की महत्वपूर्ण है-
1. अनुच्छेद नंबर 1: – संघ का नाम और राज्य क्षेत्र
2. अनुच्छेद नंबर 3: नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या मौजूदा राज्यों के नामों में परिवर्तन
3. अनुच्छेद 13:– मौलिक अधिकारों को असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियों के बारे में
4. अनुच्छेद नं 14:- कानून के समक्ष समानता
5. अनुच्छेद नं 16:- सरकारी नौकरियों में सभी को अवसर की समानता
6. अनुच्छेद 17:- अस्पृश्यता का उन्मूलन
7. अनुच्छेद नं 19:- “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” के बारे में कुछ अधिकारों का संरक्षण
8. अनुच्छेद नं 21:- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
9. अनुच्छेद नं. 21A:- प्राथमिक शिक्षा का अधिकार
10 अनुच्छेद नं 25:- अंतरात्मा की स्वतंत्रता, मनचाहा काम और धर्म के प्रचार-प्रसार की स्वतंत्रता
11. अनुच्छेद नं 30:- अल्पसंख्यकों को शैक्षिक संस्थानों को स्थापित करने, उनका प्रशासन करने का अधिकार
12. अनुच्छेद नं 31C: – कुछ निर्देशक सिद्धांतों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्याख्या
13. अनुच्छेद नं 32:- मौलिक अधिकारों को लागू के लिए “रिट” सहित अन्य उपचार
14. अनुच्छेद नं 38:- राज्य, लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक व्यवस्था को बनाएगा
15. अनुच्छेद न.40:- ग्राम पंचायतों का संगठन
16. अनुच्छेद नं 44:- नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता
17. अनुच्छेद नं 45:- 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान
18. अनुच्छेद नं 46:- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातिओं और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा
19. अनुच्छेद नं 50:- कार्यपालिका से न्यायपालिका को अलग किया जाना
20. अनुच्छेद नं 51:- अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना
21. अनुच्छेद सं 51A: – मौलिक कर्तव्य
22. अनुच्छेद नं 72:- राष्ट्रपति की शक्तियों जैसे:- क्षमा देना, सजा का निलंबन, कुछ मामलों में सजा को कम करना आदि का प्रावधान
2. अनुच्छेद नंबर 3: नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या मौजूदा राज्यों के नामों में परिवर्तन
3. अनुच्छेद 13:– मौलिक अधिकारों को असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियों के बारे में
4. अनुच्छेद नं 14:- कानून के समक्ष समानता
5. अनुच्छेद नं 16:- सरकारी नौकरियों में सभी को अवसर की समानता
6. अनुच्छेद 17:- अस्पृश्यता का उन्मूलन
7. अनुच्छेद नं 19:- “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” के बारे में कुछ अधिकारों का संरक्षण
8. अनुच्छेद नं 21:- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
9. अनुच्छेद नं. 21A:- प्राथमिक शिक्षा का अधिकार
10 अनुच्छेद नं 25:- अंतरात्मा की स्वतंत्रता, मनचाहा काम और धर्म के प्रचार-प्रसार की स्वतंत्रता
11. अनुच्छेद नं 30:- अल्पसंख्यकों को शैक्षिक संस्थानों को स्थापित करने, उनका प्रशासन करने का अधिकार
12. अनुच्छेद नं 31C: – कुछ निर्देशक सिद्धांतों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्याख्या
13. अनुच्छेद नं 32:- मौलिक अधिकारों को लागू के लिए “रिट” सहित अन्य उपचार
14. अनुच्छेद नं 38:- राज्य, लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक व्यवस्था को बनाएगा
15. अनुच्छेद न.40:- ग्राम पंचायतों का संगठन
16. अनुच्छेद नं 44:- नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता
17. अनुच्छेद नं 45:- 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान
18. अनुच्छेद नं 46:- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातिओं और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा
19. अनुच्छेद नं 50:- कार्यपालिका से न्यायपालिका को अलग किया जाना
20. अनुच्छेद नं 51:- अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना
21. अनुच्छेद सं 51A: – मौलिक कर्तव्य
22. अनुच्छेद नं 72:- राष्ट्रपति की शक्तियों जैसे:- क्षमा देना, सजा का निलंबन, कुछ मामलों में सजा को कम करना आदि का प्रावधान
संसद की एक सत्र की कार्यवाही: व्यय का ब्यौरा
23. अनुच्छेद नं 74:- राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद
24. अनुच्छेद नं 76:- भारत के महान्यायवादी
25 अनुच्छेद नं 78:- राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के लिए प्रधानमंत्री के कर्तव्य
26. अनुच्छेद नं 110:- धन विधेयकों की परिभाषा
27. अनुच्छेद नं 112:- वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट)
28. अनुच्छेद नं 123:- संसद के मध्यावकाश के दौरान राष्ट्रपति की अध्यादेश प्रख्यापित करने शक्ति
29. अनुच्छेद नं 143:- सुप्रीम कोर्ट से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
30. अनुच्छेद नं.148:- भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक
31. अनुच्छेद नं 149:- भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की शक्तियां
32. अनुच्छेद नं 155:- राज्यपाल की नियुक्ति
33. अनुच्छेद नं 161:- क्षमा को कम करने, टालने और निलंबित करने की राज्यपाल की शक्ति
34. अनुच्छेद नं 163:- राज्यपाल की सहायता और सलाह के लिए मंत्रिपरिषद
35. अनुच्छेद नं 165:- राज्य के महाधिवक्ता
36. अनुच्छेद नं 167:- राज्यपाल को जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री के कर्तव्य
37. अनुच्छेद नं 168:- राज्यों में विधानमंडलों की व्यवस्था
38. अनुच्छेद नं 169:- राज्यों में विधान परिषदों की रचना या उन्मूलन
39. अनुच्छेद नं 170:- राज्यों में विधान सभाओं की संरचना
40 अनुच्छेद नं 171:- राज्यों में विधान परिषदों की संरचना
41. अनुच्छेद नं 172:- राज्य विधानमंडलों की अवधि
42. अनुच्छेद नं 173:- राज्य विधानमंडल की सदस्यता के लिए योग्यता
43. अनुच्छेद नं 174:- राज्य विधायिका का सत्र, सत्रावसान और राज्य विधायिका का विघटन
44. अनुच्छेद नं 178:- विधान सभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर
45. अनुच्छेद नं 194:- महाधिवक्ता की शक्तियां, विशेषाधिकार और प्रतिरोधक क्षमता (Immunity)
46. अनुच्छेद नं 200:- राज्यपाल द्वारा बिल को स्वीकृति
47. अनुच्छेद नं 202:- राज्य विधानमंडल का वार्षिक वित्तीय विवरण (राज्य बजट)
48. अनुच्छेद नं 210:- राज्य विधानमंडल में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा
49. अनुच्छेद नं 212:- न्यायालयों को राज्य विधानमंडल की कार्यवाही के बारे में पूछताछ करने का अधिकार नहीं
50. अनुच्छेद नं 213:- राज्य विधानमंडल के अवकाश में राज्यपाल द्वारा अध्यादेश प्रख्यापित करने की शक्ति
24. अनुच्छेद नं 76:- भारत के महान्यायवादी
25 अनुच्छेद नं 78:- राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के लिए प्रधानमंत्री के कर्तव्य
26. अनुच्छेद नं 110:- धन विधेयकों की परिभाषा
27. अनुच्छेद नं 112:- वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट)
28. अनुच्छेद नं 123:- संसद के मध्यावकाश के दौरान राष्ट्रपति की अध्यादेश प्रख्यापित करने शक्ति
29. अनुच्छेद नं 143:- सुप्रीम कोर्ट से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
30. अनुच्छेद नं.148:- भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक
31. अनुच्छेद नं 149:- भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की शक्तियां
32. अनुच्छेद नं 155:- राज्यपाल की नियुक्ति
33. अनुच्छेद नं 161:- क्षमा को कम करने, टालने और निलंबित करने की राज्यपाल की शक्ति
34. अनुच्छेद नं 163:- राज्यपाल की सहायता और सलाह के लिए मंत्रिपरिषद
35. अनुच्छेद नं 165:- राज्य के महाधिवक्ता
36. अनुच्छेद नं 167:- राज्यपाल को जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री के कर्तव्य
37. अनुच्छेद नं 168:- राज्यों में विधानमंडलों की व्यवस्था
38. अनुच्छेद नं 169:- राज्यों में विधान परिषदों की रचना या उन्मूलन
39. अनुच्छेद नं 170:- राज्यों में विधान सभाओं की संरचना
40 अनुच्छेद नं 171:- राज्यों में विधान परिषदों की संरचना
41. अनुच्छेद नं 172:- राज्य विधानमंडलों की अवधि
42. अनुच्छेद नं 173:- राज्य विधानमंडल की सदस्यता के लिए योग्यता
43. अनुच्छेद नं 174:- राज्य विधायिका का सत्र, सत्रावसान और राज्य विधायिका का विघटन
44. अनुच्छेद नं 178:- विधान सभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर
45. अनुच्छेद नं 194:- महाधिवक्ता की शक्तियां, विशेषाधिकार और प्रतिरोधक क्षमता (Immunity)
46. अनुच्छेद नं 200:- राज्यपाल द्वारा बिल को स्वीकृति
47. अनुच्छेद नं 202:- राज्य विधानमंडल का वार्षिक वित्तीय विवरण (राज्य बजट)
48. अनुच्छेद नं 210:- राज्य विधानमंडल में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा
49. अनुच्छेद नं 212:- न्यायालयों को राज्य विधानमंडल की कार्यवाही के बारे में पूछताछ करने का अधिकार नहीं
50. अनुच्छेद नं 213:- राज्य विधानमंडल के अवकाश में राज्यपाल द्वारा अध्यादेश प्रख्यापित करने की शक्ति
51. अनुच्छेद नं 214:- राज्यों के लिए उच्च न्यायालयों की व्यवस्था
52. अनुच्छेद नं 217:- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति की शर्तें
53. अनुच्छेद नं 226:- उच्च न्यायालयों की रिट जारी करने की शक्ति
54. अनुच्छेद नं 239AA: – दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध
55. अनुच्छेद नं 243B: – पंचायतों का गठन
56. अनुच्छेद सं 243C: – पंचायतों की संरचना
57. अनुच्छेद नं 243G: – पंचायतों की जिम्मेदारियां, शक्तियां और अधिकार
58. अनुच्छेद नं 243K: – पंचायतों के चुनाव
59. अनुच्छेद नं 249:- राज्य सूची के विषय के सम्बन्ध में राष्ट्रीय हित में कानून बनाने की संसद की शक्ति
60. अनुच्छेद नं 262:- अंतर-राज्यीय नदियों या नदी घाटियों के बारे में पानी से संबंधित विवादों का अधिनिर्णय
61. अनुच्छेद नं 263:- अंतर-राज्यीय परिषद् के सम्बन्ध में प्रबंध
62. अनुच्छेद नं 265:- कानून के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना
63. अनुच्छेद नं 275:- कुछ राज्यों को संघ से अनुदान
64. अनुच्छेद नं 280:- वित्त आयोग की स्थापना
65. अनुच्छेद नं 300:- वाद और कार्यवाहियां
66. अनुच्छेद नं 300A: – विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना (संपत्ति का अधिकार)
67. अनुच्छेद नं 311:- संघ या किसी राज्य के अधीन सिविल क्षमताओं में कार्यरत व्यक्तियों के रैंक में कमी बर्खास्तगी।
68. अनुच्छेद:-312:- अखिल भारतीय सेवाएँ
69. अनुच्छेद नं 315:- संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग की स्थापना
70. अनुच्छेद नं 320:- लोक सेवा आयोगों के कार्य
71. अनुच्छेद नं 323-A: – प्रशासनिक न्यायाधिकरण
72. अनुच्छेद नं 324:- निर्वाचनों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित किया जाना
73. अनुच्छेद संख्या 330:- लोकसभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण
74. अनुच्छेद नं 335:- सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे
75. अनुच्छेद नं 352:- आपात की उद्घोषणा (राष्ट्रीय आपात)
76. अनुच्छेद नं 356:- राज्य में संवैधानिक मशीनरी की विफलता के मामले में प्रावधान (राष्ट्रपति शासन)
77. अनुच्छेद नं 360:- वित्तीय आपातकाल के बारे में उपबंध
78. अनुच्छेद नं 365:- संघ द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव (राष्ट्रपति शासन)
79. अनुच्छेद नं 368:- संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति और इसकी प्रक्रिया
80. अनुच्छेद नं 370:- जम्मू- कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी प्रावधान
53. अनुच्छेद नं 226:- उच्च न्यायालयों की रिट जारी करने की शक्ति
54. अनुच्छेद नं 239AA: – दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध
55. अनुच्छेद नं 243B: – पंचायतों का गठन
56. अनुच्छेद सं 243C: – पंचायतों की संरचना
57. अनुच्छेद नं 243G: – पंचायतों की जिम्मेदारियां, शक्तियां और अधिकार
58. अनुच्छेद नं 243K: – पंचायतों के चुनाव
59. अनुच्छेद नं 249:- राज्य सूची के विषय के सम्बन्ध में राष्ट्रीय हित में कानून बनाने की संसद की शक्ति
60. अनुच्छेद नं 262:- अंतर-राज्यीय नदियों या नदी घाटियों के बारे में पानी से संबंधित विवादों का अधिनिर्णय
61. अनुच्छेद नं 263:- अंतर-राज्यीय परिषद् के सम्बन्ध में प्रबंध
62. अनुच्छेद नं 265:- कानून के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना
63. अनुच्छेद नं 275:- कुछ राज्यों को संघ से अनुदान
64. अनुच्छेद नं 280:- वित्त आयोग की स्थापना
65. अनुच्छेद नं 300:- वाद और कार्यवाहियां
66. अनुच्छेद नं 300A: – विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना (संपत्ति का अधिकार)
67. अनुच्छेद नं 311:- संघ या किसी राज्य के अधीन सिविल क्षमताओं में कार्यरत व्यक्तियों के रैंक में कमी बर्खास्तगी।
68. अनुच्छेद:-312:- अखिल भारतीय सेवाएँ
69. अनुच्छेद नं 315:- संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग की स्थापना
70. अनुच्छेद नं 320:- लोक सेवा आयोगों के कार्य
71. अनुच्छेद नं 323-A: – प्रशासनिक न्यायाधिकरण
72. अनुच्छेद नं 324:- निर्वाचनों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित किया जाना
73. अनुच्छेद संख्या 330:- लोकसभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण
74. अनुच्छेद नं 335:- सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे
75. अनुच्छेद नं 352:- आपात की उद्घोषणा (राष्ट्रीय आपात)
76. अनुच्छेद नं 356:- राज्य में संवैधानिक मशीनरी की विफलता के मामले में प्रावधान (राष्ट्रपति शासन)
77. अनुच्छेद नं 360:- वित्तीय आपातकाल के बारे में उपबंध
78. अनुच्छेद नं 365:- संघ द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव (राष्ट्रपति शासन)
79. अनुच्छेद नं 368:- संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति और इसकी प्रक्रिया
80. अनुच्छेद नं 370:- जम्मू- कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी प्रावधान