दंगा क्या होता है ?

धारा –  159 – जब की दो या अधिक व्यक्ति लोक स्थान में लड़कर लोक शांति में विघ्न डालते हैं , तब यह कहा जाता है की वे दंगा करते हैं .

दंगा के आवश्यक तत्व –

1 –  दो या अधिक व्यक्ति – धारा 159 के लागू होने के लिए दो या अधिक व्यक्तियों का होना आवश्यक है , क्योंकि दंगा के अपराध का मुख्य तत्व आपस में लड़ाई है , अकेला व्यक्ति अपने आप से लड़ाई नहीं कर सकता .

यदि दो व्यक्तियों पर दंगा का आरोप और उनमे से एक को दोषमुक्त कर दिया जाता है , तो दुसरे व्यक्ति को दण्डित नहीं किया जा सकता .

2 – सार्वजनिक स्थान पर लड़ाई – दंगा के अपराध का मुख्य तत्व आपस में लड़ाई है .और यह लड़ाई सार्वजानिक स्थान पर होनी चाहिए .

सार्वजनिक स्थान से तात्पर्य – जहाँ जन साधारण बिना रोक टोक के आ सके .

3 – सार्वजानिक शांति भंग हो – दंगा सार्वजानिक शांति के विरुद्ध अपराध है अतः आपस में लड़ाई से सार्वजानिक शांति भंग होनी चाहिए .

दंगा के लिए दंड –

धारा – 160 – जो कोई दंगा करेगा वह दोनों में से किसी भी भांति के कारावास से , जिसकी अवधि एक मास तक हो सकेगी , या जुर्माने से , जो 100 रुपये तक हो सकेगा या दोनों से दण्डित किया जायेगा

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