हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आदेशों की अनुपालना न करने पर सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है। सरकार आदेशों की अनुपालना न कर बेवजह कोर्ट का बहुमूल्य समय बर्बाद कर रही है। कोर्ट को सरकार समेत विभाग का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारियों और विभागाध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट में अवमानना से जुड़े करीब 1,200 मामले लंबित हैं। कोर्ट ने कहा कि सरकार में जिसका जितना बड़ा ओहदा होता है उसकी उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी कानून के अनुसार काम करने की भी होती है।
हाईकोर्ट ने सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले लोक निर्माण विभाग के सचिव और लोक निर्माण विभाग का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य अभियंता को अगली सुनवाई तक आदेशों की अक्षरशः अनुपालना के आदेश दिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो 26 सितंबर को उन्हें कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण कर यह बताने के आदेश दिए हैं कि क्यों न उन्हें आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए जेल भेज दिया जाए। हिमाचल हाईकोर्ट ने रवि कुमार की याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश दिए। कोर्ट ने याची की अनुबंध आधार पर सेवाओं को वरिष्ठता सहित अन्य सभी सेवा लाभों के लिए गिनने के आदेश दिए थे।