पंचायती राज विभाग के निदेशक और स्वच्छ भारत मिशन को सार्वजनिक शौचालयों को बनाने के लिए जारी राशि खर्च न करने पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जब पूरे देश में शौचालयों को चिह्नित किया गया है तो हिमाचल में ऐसा क्यों नहीं किया। अदालत ने स्वच्छ भारत मिशन को पर्यावरण विज्ञान और तकनीकी विभाग के साथ मिलकर प्रदेश में सभी सार्वजनिक शौचालय की लोकेशन को पिन करने के निर्देश दिए हैं।

हाईकोर्ट ने किरतपुर-बिलासपुर सड़क पर सार्वजनिक शौचालयों की बेहद खराब स्थिति पर एनएचएआई को अदालत की अगली सुनवाई को रिपोर्ट दायर करने को कहा। अदालत ने एनएचएआई को फटकार लगाते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह एनएचएआई की जिम्मेदारी है कि सभी टोल प्लाजों पर पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्वच्छ और साफ शौचालयों की व्यवस्था की जाए। अदालत ने कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ है कि कुछ टोल प्लाजों पर शौचालय तक नहीं है और अगर कहीं पर हैं तो उसकी स्थिति बहुत ही दयनीय है। अदालत ने शौचालयों की सफाई के रखरखाव की निगरानी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, ट्रैफिक मजिस्टेट सोलन और एनएचएआई अधिकारियों को कहा है।

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