भूषण कुमार की टी-सीरीज और मुकेश भट्ट की विशेष फिल्म्स ने मिलकर आशिकी 2 बनाई थी। इसके बाद दोनों कंपनियों ने फिल्म का तीसरा सीक्वल, आशिकी 3 बनाने के बारे में सोचा था। लेकिन टी-सीरीज़ ने ‘तू ही आशिकी’ या ‘तू ही आशिकी है’ नाम से एक फिल्म अनाउंस कर दी। जिसके बाद मुकेश भट्ट की कंपनी ने टी-सीरीज के खिलाफ याचिका दायर कर दी थी।
मुकेश भट्ट की तरफ से आरोप लगाया गया था कि टी-सीरीज उनकी इजाजत के बिना ‘आशिकी’ शब्द का इस्तेमाल कर रहा है। इस मामले पर अब दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए मुकेश भट्ट के हक में फैसला सुनाया है।
‘आशिकी’ शब्द के इस्तेमाल पर लगी रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने भूषण कुमार की टी-सीरीज और उसके सहयोगियों को ‘तू ही आशिकी’, ‘तू ही आशिकी है’ या ‘आशिकी’ शब्द के साथ किसी भी टाइटल का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। समाचार पत्रिका के मुताबिक, जस्टिस संजीव नरूला ने साफ किया कि शब्द ‘आशिकी’ टाइटल एक स्टैंडअलोन शब्द नहीं है।
टी-सीरीज ने दिया ये तर्क
जस्टिस नरूला ने कहा कि शब्द आशिकी 1990 और 2013 की दो सक्सेसफुल फिल्मों की सीरीज का हिस्सा हैं। हालांकि टी-सीरीज की तरफ से कहा गया था कि 2021 की फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ में ‘आशिकी’ शब्द के इस्तेमाल किए जाने पर मुकेश भट्ट या उनकी कंपनी ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। ऐसे में ये माना गया कि उन्होंने अपने राइट्स को त्याग दिया है।
‘आशिकी’ टाइटल से फिल्म नहीं बना सकता टी-सीरीज
दिल्ली हाई कोर्ट में टी-सीरीज के इन तर्कों को काफी नहीं माना गया और कोर्ट ने मुकेश भट्ट के हक में फैसला दिया। इसके मुताबिक टी-सीरीज या कोई भी कंपनी आशिकी शब्द वाले किसी भी टाइटल का इस्तेमाल अपनी फिल्मों में नहीं कर सकती।