सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह इजरायल को हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों की सप्लाई रोके। याचिका में कहा गया है कि जो भी भारतीय कंपनियां इजरायल को हथियारों की सप्लाई कर रही हैं, उनके लाइसेंस कैंसिल किए जाएं। इजरायल गाजा में हमास के साथ जंग लड़ रहा है, जिसमें हजारों लोगों की मौत हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए याचिका दायर की गई है।
हथियारों की सप्लाई रोकने की मांग वाली जनहित याचिका को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के जरिए फाइल किया गया है। इसमें कहा गया है, “भारत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों का पालन करता है, जिसके तहत भारत युद्ध अपराधों के दोषी देशों को सैन्य हथियारों की सप्लाई नहीं कर सकता है। ऐसे में किसी भी तरह की हथियारों की सप्लाई होने पर उनका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के गंभीर उल्लंघन में किया जा सकता है।” इस याचिका को 11 लोगों ने दाखिल किया है।
भारत ने की इजरायल को हथियारों की सप्लाई!
कतर के मीडिया हाउस अलजजीरा ने जून ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत ने इजराइल को 20 टन रॉकेट इंजन, 12.5 टन विस्फोटक चार्ज वाले रॉकेट, 1500 किलो विस्फोटक सामान और 740 किलो गोला-बारूद सप्लाई की। इस साल फरवरी में भी इसी तरह की रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि हैदराबाद में मौजूद एक कंपनी से इजरायल को हर्मेस 900 ड्रोन की सप्लाई की गई है। उसे 20 ड्रोन भेजे गए हैं। जिस कंपनी से सप्लाई हुई थी, उसे इजरायल ने ही स्थापित किया था।
भारत में इजरायल के राजदूत रहे डैनियल कार्मन ने जून में दावा किया था कि भारत उनके देश को हथियारों की सप्लाई कर रहा है। 1999 में कारगिल युद्ध के समय इजरायल ने भारत को हथियार भेजे थे और अब वह कर्ज चुकाते हुए तेल अवीव के लिए ऐसा कर रहा है। हालांकि, हथियारों की सप्लाई और इजरायली राजदूत के बयान को लेकर भारत की तरफ से किसी भी तरह का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था। भारत ने युद्ध के बीच गाजा में लोगों की मदद के लिए सामान भी भेजा है।
इजरायल में उठी युद्धविराम की मांग
हमास ने गाजा में इजरायल के नागरिकों को बंधक बनाया हुआ है। गाजा में जारी युद्ध की वजह से 40 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। लगातार जा रही जानों के बीच दुनियाभर में युद्धविराम की मांग उठ रही है। इस बीच अब इजरायल में भी लोग युद्धविराम को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। गाजा में बंधक बनाए गए छह और इजरायलियों के शव मिले हैं, जिसके बाद सरकार पर युद्धविराम का दबाव बनाने के लिए हजारों की संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है।