(अधिवक्ता वाणी) “कोरोना” वायरस जैसी महामारी से भारत ही नहीं पूरा विश्व संक्रमित है। जिससे निपटने प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है, घोषणा के साथ ही सभी देशवासियों को घर पर रहने का आह्वान किया है। जिसका हमें पूर्ण पालन करना होगा। यदि हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्र व राज्य सरकारों के प्रयासों से कोरोना 21 दिन में नियंत्रित हो सके और हमें कोरोना जैसी भयावह स्थिति को 21 दिन से ज्यादा समय नहीं देना है तो, आपका भी कर्तव्य बनता है कि हम सरकार के सभी निर्देशों का पालन करते हुए राष्ट्रहित में अपना अमूल्य योगदान दें। लगभग 130 करोड़ भारतीय जनता के सुरक्षा व स्वास्थ्य की जिम्मेदारी केंद्र व राज्य सरकार पर है। आम आदमी व जरूरतमंद लोगों तक सस्ता राशन व अन्य सुविधाओं के लिए सरकार ने राहत की घोषणाओं के साथ अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपनी सक्रियता क़ायम रखी है। इसके साथ ही सभी राज्यों की राज्य सरकार अपने स्तर पर जो भी संभव हो। स्वास्थ्य, भोजन व अन्य जरूरी चीजों की व्यवस्था कराने का प्रयास कर रही हैं।
राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में स्वास्थ्य,सुरक्षा व अन्य आधारभूत सुविधाओं से जुड़े लोगों के द्वारा इस स्थिति से निपटने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें हमारा भी कुछ योगदान हो। हम सरकार के दिशा निर्देश का पूर्ण रूप से पालन करते रहें।
इसके लिए हमारा आपसे करबद्ध निवेदन है कि —
1,आप सभी घर पर रहें,
2, सुरक्षा नियमों का पूर्ण पालन करें।
3, अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलें।
4, किसी आवश्यक कार्य से बाहर निकलना भी पड़े तो स्वयं का, अपने परिवार, प्रियजनों के साथ देश व समाज के हित में सामाजिक दूरी बनाये रखते हुए मास्क पहनें, स्वास्थ्य संबंधी सभी निर्देशों का पालन कीजिये।
5, घर से बाहर निकलने की स्थिति में सुरक्षा, स्वास्थ्य व अन्य आधारभूत सुविधाओं से ज़ुड़े लोगों से सहयोगात्मक रवैया अपनाये, किसी भी प्रकार के विवादों को जन्म ना दें,
सभी अपने हैं, सभी का प्रयास एक ही है,
कोरोना जैसी भयावह स्थिति से निपटना,
“कोरोना को हराना”
1, आपकी सुरक्षा,
2, परिवार की सुरक्षा,
3, समाज की सुरक्षा,
4, देश की सुरक्षा,
5, विश्व की सुरक्षा…..
आइये हम सभी मिलकर राष्ट्रहित व जनहित में प्रयास करें,
घर पर रहें