सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में रोहिंग्याओं के रहने के स्थान के संबंध में ब्योरा मांगा। शीर्ष अदालत ने यह जानकारी उस याचिका पर सुनवाई के दौरान मांगी जिसमें रोहिंग्याओं के बच्चों को स्कूल में दाखिले के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता एनजीओ के वकील कॉलिन गोंजाल्विस से हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा कि रोहिंग्या कहां रह रहे हैं और उनके रहने के कौन से इलाके हैं।
एनजीओ रोहिंग्या ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव ने जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से 23 दिसंबर, 2024 को जारी किए गए उस सर्कुलर को रद्द करने की मांग की है जिसमें सरकारी स्कूलों में रोहिंग्या शरणार्थियों के बच्चों को दाखिला देने पर रोक लगाई गई है। याचिकाकर्ता संगठन ने कोर्ट से दिल्ली सरकार को यह निर्देश जारी करने का आग्रह किया कि वह सभी रोहिंग्या बच्चों को मुफ्त में दाखिला दे, चाहे परिवार के पास आधार कार्ड हो या न हो। हालांकि पीठ ने एनजीओ से हलफनामा मांगा और मामले की सुनवाई फरवरी के दूसरे सप्ताह में तय कर दी।