नई दिल्ली स्थित एक सैन्य अदालत ने एक अधिकारी की बेटी से छेड़छाड़ के आरोपी जवान को बरी कर दिया है। अधिकारी की बेटी से कथित छेड़छाड़ का मामला 2019 में सामने आया था, जिसके बाद जवान को कोर्ट मार्शल ने 11 जुलाई को वह जवान 10 साल ज्यादा वक्त तक अधिकारी का सहायक रहा था। महिला द्वारा जवान पर लगाए गए आरोपों के खिलाफ अगस्त 2019 में मामला शुरू हुआ था और 11 जुलाई को कोर्ट मार्शल ने अपना फैसला सुना दिया है।

आरोपी सिपाही सिग्नल कोर से है और उस अधिकारी से जुड़ा हुआ था। जो दिल्ली के एक नागरिक क्षेत्र में रह रहा था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अदालत ने पाया कि आरोपी सिग्नलमैन आरोप का दोषी नहीं है। मामले का पीठासीन अधिकारी कर्नल रैंक का अधिकारी है और उनके द्वारा सुनाया गया फैसला अभी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की पुष्टि के अधीन है।

आर्मी कोर्ट ने फैसले का कारण बताते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष द्वारा उनके समक्ष पेश किए सबूतों पर सावधानीपूर्वक विचार और जांच करने बाद ये निष्कर्ष निकाला है कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में सक्षम नहीं है।

वहीं, इस मामले में कथित घटना के तीन महीने बाद महिला ने आधिकारिक तौर पर सैनिक के खिलाफ आरोप लगाए थे, क्योंकि वह एंट्रेंस एग्जाम के लिए अपनी पढ़ाई पर फोकस करना चाहती थी। सैनिक के वकील आनंद कुमार ने कहा कि यह मामला प्रशासनिक मुद्दों के कारण थोड़ा लंबा खिंच गया, लेकिन आखिरकार सैन्य अदालत से न्याय मिला है।

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