देवेन्द्र शुक्ल, रायपुर। आज कल लगभग सभी विभागों में सेवा निवृत कर्मचारियों एवं अधिकारियों केा शासन की गलत नीतियों के कारण संविदा में पुनः रख लिया जाता है। जिसके कारण पढे-लिखें युवको को नौकरियां नहीं मिलती और वे बेरोजगार ही रह जाते है। इसी प्रकार शासकीय विभागों में अयोग्य अथवा कनिष्ठ कर्मचारियों केा पदोन्नति न कर के प्रभार दे दिया जाता हैै। जिसकी वजह से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता हैैैै। पैसा लेकर प्रभार में अस्थाई रूप में कार्य के संपादन का बहाना बताया जाता है। जैैसा कि आजकल रायपुर सामान्य वनमंडल में देखने को मिलता है। वाहन चालक वनमंडल मे लिपिक का कार्य करते देखे जा सकते है। वन चौकीदार परिक्षेत्र लिपिक के रूप में कार्य करते है। वनरक्षक/परिक्षेत्र सहायक के रूप मे उप वन परिक्षेत्र में वन परिक्षेत्र सहायक ,परिक्षेत्र अधिकारी के रूप में कार्य करते है। यह सब पहुंच एवं धनलक्ष्मी की महिमा है। किंतु इन सब कारणों से भावी पीढ़ी को नुकसान पहुंचाए जा रहा है। समय रहते यदि इस संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति व प्रभारवादी गलत नीतियों की वजह से युवकों में विद्रोह की भावना जागृत होगी और आने वाला समय भयावह हो सकता है।