Internet Media Influencer सागर ठाकुर पर कथित हमले के आरोप में दर्ज FIR में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने Youtuber एल्विश यादव को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने FIR रद्द कर दी है लेकिन अपने आदेश में यह शर्त रखी है कि इंटरनेट पर याचिकाकर्ता एल्विश यादव और उनके साथी लवकेश कटारिया, अजय और रुस्तम अपने किसी भी पोस्ट या सामग्री में हिंसा और मादक द्रव्यों के सेवन को दर्शाने या बढ़ावा देने का काम नहीं करेंगे।
गौरतलब हो कि एल्विश यादव और उसके साथियों के खिलाफ कंटेंट क्रिएटर सागर ठाकुर की शिकायत पर गुरुग्राम में FIR दर्ज की गई थी। ठाकुर ने शिकायत दी थी कि एल्विश ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे पीटा है और जान से मारने की धमकी दी है। मामले में शिकायतकर्ता के साथ समझौते को आधार बनाते हुए एल्विश ने केस रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
एल्विश ने याचिका में दलील दी थी कि उसका शिकायतकर्ता के साथ समझौता हो गया है और मजिस्ट्रेट के सामने गवाही भी हो चुकी है। हाईकोर्ट ने FIR रद्द करते हुए कहा कि समझौता अस्वीकार करने से दोनों पक्षों के बीच दुर्भावना पैदा हो सकती है।
लंबित मुकदमे से दोनों पक्षों के करियर और खुशी प्रभावित होते है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में इसी तरह की हिंसक हरकतें दोहराई न जाएं और आरोपी गलत धारणा में न रहें कि ऐसे मामलों को कानून को हल्के में लिया जाता है, यह न्यायालय कुछ शर्तों के साथ संबंधित FIR को खारिज करता है।
मीडिया माध्यमों पर हिंसा का प्रदर्शन डालता है नकारात्मक प्रभाव
हाईकोर्ट ने कहा कि मीडिया में दिखाई जाने वाली हिंसा भले ही मनोरंजक लगे, लेकिन यह सामाजिक धारणाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। समाज में हिंसा के इस तरह के वास्तविक उपयोग को स्वीकार नहीं किया जा सकता है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। काफी दर्शकों वाले मीडिया माध्यमों को अपने विषयवस्तु के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और इसे सामाजिक रूप से जिम्मेदार होकर प्रदर्शित करना चाहिए।