कांग्रेस नेता राहुल गांधी कर्नाटक भाजपा के मानहानि मामले में शुक्रवार को विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए। यहां कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। डीके सुरेश की सुरक्षा के आधार पर राहुल गांधी को जमानत दी गई है। मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।
दरअसल, राहुल पर समाचार पत्रों में मानहानिकारक विज्ञापन जारी करने का आरोप है। पिछले साल विस चुनावों से पहले दिए गए विज्ञापन में राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार पर 2019-2023 के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया गया था।
ताजा मामले के अनुसार, पिछले साल कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुए थे। इस दौरान कांग्रेस ने तत्कालीन भाजपा सरकार पर 2019-2023 के शासनकाल के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद कर्नाटक भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ मानहानि मुकदमा दर्ज कराया।
आरोप लगाया कि कांग्रेस के इन नेताओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई समेत भाजपा नेताओं के खिलाफ मुख्य समाचार पत्रों में झूठे विज्ञापन दिये। सभी लोक निर्माण कार्यों में 40 फीसदी कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने ‘भ्रष्टाचार रेट कार्ड’ भी प्रकाशित कराया। वहीं, राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर भी अपमानजनक विज्ञापन पोस्ट किया। विशेष अदालत ने इस मामले में एक जून को सिद्धारमैया और शिवकुमार को जमानत दे दी थी।
मानहानि मामले में जा चुकी है सांसदी
इससे पहले, 23 मार्च 2023 को सूरत की CJM कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। उन्हें मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के कारण सजा सुनाई गई थी। अगले ही दिन 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता जाने का आदेश जारी कर दिया। नियम के अनुसार, अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या इससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता चली जाती है। राहुल के साथ भी ऐसा ही हुआ। हालांकि, बाद में राहुल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई। अदालत ने उनकी सजा पर रोक लगा दी।
सांसदी जाने के बाद खाली किया बंगला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 22 अप्रैल को अपना आधिकारिक बंगला खाली कर दिया। कहा कि यह सच बोलने के लिए चुकाई गई कीमत है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन तक 10 जनपथ पर अपनी मां के आवास पर रहेंगे। इससे पहले, 27 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक अपना आधिकारिक आवास खाली करने को कहा था।