राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार (15 मार्च) को जेल में बंद स्वयंभू बाबा आसाराम की अर्जी पर आयुर्वेद इलाज का विवरण मांगा है। आसाराम ने महाराष्ट्र के पुणे में माधवबाग हॉस्पिटल में आयुर्वेद इलाज की अनुमति मांगने के लिए याचिका दायर की है। इसपर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विनीत माथुर और दिनेश मेहता की खंडपीठ ने इलाज का पूरा विवरण मांगा।

कोर्ट ने आसाराम के वकील से 20 मार्च को अगली सुनवाई से पहले हॉस्पिटल से जानकारी लेकर उसे कोर्ट में जमा कराने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने सरकारी वकील को यह भी निर्देश दिए कि वह जोधपुर और मुंबई के पुलिस आयुक्तों से आसाराम को पुणे ले जाने और उसके ठहरने के लिए पुलिसकर्मियों की जरूरत के बारे में जानकारी लेकर कोर्ट को अवगत कराएं।

सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 1 मार्च को रेप के मामले में जेल की सजा काट रहे आसाराम को तगड़ा झटका दिया था। कोर्ट ने उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य के आधार पर अपनी सजा निलंबित करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। न्यायाधीशों ने आसाराम के वकीलों से राहत के लिए राजस्थान हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा था।

क्या है आरोप?
दरअसल आसाराम के नाम से मशहूर आसुमल हरपलानी को 2018 में जोधपुर की विशेष POCSO अदालत ने 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की के साथ रेप करने सहित कई अपराधों के लिए दोषी ठहराया था। इस मामले में उन्हें सजा दी गई थी। 2013 में 33 वर्षीय एक महिला के साथ रेप, छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के लिए उन्हें 2023 में एक अन्य मामले में भी आजीवन कारावास की सजा दी गई है।

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