पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व कर्मचारी चयन आयोग को बड़ी राहत देते हुए जूनियर इंजीनियर के 1259 पदों की भर्ती को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर इस भर्ती को हरी झंडी दे दी है। याचिका दाखिल करते हुए रिषभ व अन्य ने हाईकोर्ट को बताया था कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 15 जून 2019 को जूनियर इंजीनियर के 1259 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद 1 सितंबर 2019 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई और 5 सितंबर को उत्तर कुंजी जारी कर आपत्ति मांगी गई।

याचिकाकर्ताओं ने 5 प्रश्नों को लेकर आपत्ति दर्ज की थी जिसे आयोग ने विशेषज्ञों के पास भेज दिया। विशेषज्ञों ने दो आपत्तियों को स्वीकार किया जबकि 3 को खारिज कर दिया गया। इन दो आपत्तियों को सुधार कर आयोग ने नए सिरे से उत्तरकुंजी जारी कर दी। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने बाकी के 3 प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि रणविजय सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट कर चुका है कि यदि विशेषज्ञों पर कोई आरोप नहीं है तो अदालतों को उनकी राय को मंजूर करना चाहिए। साथ ही यदि किसी प्रश्न को लेकर विशेषज्ञों के बीच असमंजस की स्थिति है तो इसका लाभ आयोग को जाएगा न कि आवेदकों को। अदालतें हर विषय की विशेषज्ञ नहीं हो सकती हैं और ऐेसे में विशेषज्ञों की राय के साथ चलना सबसे बेहतर विकल्प है।

हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में पांच प्रश्नों पर आपत्ति थी और इनमें से दो को विशेषज्ञों ने मंजूर किया। इससे साफ प्रतीत होता है कि आपत्तियों पर खुले मन से विचार किया गया था। इस प्रकार की स्थिति में विशेषज्ञों की राय से अलग जाना ठीक नहीं है। इन टिप्पणियों के साथ ही जेई भर्ती को हरी झंडी देते हुए हाईकोर्ट ने इसे चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

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