समाजवादी पार्टी से जुड़े छात्र नेता के एडमिशन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी पर 50 हजार रूपए का हर्जाना लगाया है। हाईकोर्ट ने 15 दिन में याची को मुआवजे की राशि का भुगतान करने को कहा है। हाईकोर्ट ने अर्हता मानक बदलकर याची अजय सिंह यादव उर्फ सम्राट की अभ्यर्थता निरस्त करने के आदेश को रद्द किया है। अजय यादव सम्राट समाजवादी छात्र सभा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है। अजय यादव सम्राट चार गुना फीस बढ़ोत्तरी और छात्र संघ बहाली के मुद्दे पर पिछले काफी दिनों से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में आंदोलन कर रहा है। एमए महिला अध्ययन PG कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद अर्हता बदल गई थी। हाईकोर्ट ने याची को तीन बार अनावश्यक याचिका दायर करने को बाध्य करने के कारण उसे मुआवजा पाने का हकदार माना है। याचिका याची अजय यादव की ओर से दाखिल की गई थी। याचिका में 27अप्रैल 23 के पत्र व 3 जून 22 के Academic Council के अनुमोदित प्रस्ताव की वैधता को चुनौती दी गई थी। याची ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की PG AT 2022 में आनलाइन आवेदन दिया। उसे प्रवेश परीक्षा में 141.1अंक प्राप्त हुए। उसे पता चला कि उससे कम अंक पाने वाले को प्रवेश दिया गया है तो प्रत्यावेदन दिया।आवेदन के लिए पात्र था अभ्यर्थीजिस पर यूनिवर्सिटी ने सूचना दी कि अर्हता नियम बदलने के कारण उसकी अभ्यर्थिता निरस्त कर दी गई है। याची 55।8 फीसदी अंक से एल एल बी व 76.76 फीसदी अंक से LLM पास है। उसने महिला अध्ययन में एम ए कोर्स के लिए आवेदन किया था और नियमानुसार वह पात्र था। लेकिन बीच में क्राइटेरिया बदल दिया गया।यूनिवर्सिटी पर लगाया जुर्मानायाची का कहना था गेम के बीच में खेल के नियम बदले नहीं जा सकते हैं। कोर्ट ने माना कि याची के साथ गलती हुई है। लेकिन इस समय प्रवेश की अनुमति देने पर विचार करने का निर्देश देने का औचित्य नहीं माना और कहा कि याची को मुकद्दमेबाजी में अनावश्यक फंसाने के लिए उसे मुआवजा पाने का हक है। कोर्ट ने यूनिवर्सिटी पर भारी हर्जाना लगाया है। जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया है।

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