उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि शरजील इमाम की भूमिका उन आरोपियों से अलग क्यों है, जिन्हें दिल्ली दंगों की साजिश मामले में जमानत दी गई है। आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को जून 2021 में उच्च न्यायालय ने साजिश मामले में जमानत दे दी थी।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि शरजील इमाम के वकील और दिल्ली पुलिस भी मामले में अपनी लिखित दलीलें दाखिल करेंगे। पीठ मामले की सुनवाई अब 19 फरवरी को करेगी। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि तन्हा, कलिता और नरवाल की जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील को खारिज करने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यह इमाम का काम है।

रवि कपूर की पैरोल याचिका खारिज
उच्च न्यायालय ने पत्रकार सौम्या विश्वनाथन और आईटी कार्यकारी जिगिशा घोष हत्याकांड के दोषी रवि कपूर की पैरोल याचिका को खारिज कर दी। अदालत ने कहा उन पर गंभीर आरोप है। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कपूर के आपराधिक इतिहास और जेल में उनके समग्र आचरण पर विचार करते हुए इसे असंतोषजनक माना। अदालत ने कहा, याचिकाकर्ता के आपराधिक इतिहास, उस मामले के तथ्य जिसमें याचिकाकर्ता को दोषी ठहराया गया है उसके द्वारा किए गए अपराध की गंभीरता और जेल परिसर के अंदर उसके समग्र आचरण को ध्यान में रखते हुए, यह अदालत पैरोल देने के इच्छुक नहीं है।

संदीप माहेश्वरी के खिलाफ आरोप  लगाने पर रोक
उच्च न्यायालय ने उद्यमी विवेक बिंद्रा के यूट्यूब चैनल पार्टनर विकास कोटनाला को यूट्यूबर और प्रेरक वक्ता संदीप माहेश्वरी के खिलाफ कोई भी अपमानजनक वीडियो या सामग्री पोस्ट करने पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने प्रथम दृष्टया इस निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद आदेश पारित किया कि कोटनाला और बिंद्रा के बीच कोई संबंध है और कोटनाला के वीडियो सिविल अदालत के आदेश को दरकिनार करने के समान हैं, जिसने माहेश्वरी और बिंद्रा दोनों को एक-दूसरे के खिलाफ अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने से रोक दिया था।

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