उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी बताए जाने वाले प्रोपर्टी डीलर गणेश दत्त मिश्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। प्रॉपर्टी डीलर गणेश दत्त मिश्र की पत्नी के नाम पर शहर के पॉश इलाके महुआबाग में एक बहुमंजिला इमारत है। इस इमारत के ध्वस्तीकरण को लेकर 2022 में ही संबंधित अधिकारी की ओर से नोटिस जारी की गई थी। इस निर्णय को मिश्र ने डीएम कोर्ट में चैलेंज किया। गणेश दत्त मिश्र की याचिका को डीएम कोर्ट में निरस्त कर दिया गया। भवन को 27 दिसंबर तक खाली करने की नोटिस जारी की गई। इस बीच इस प्रकरण में हाईकोर्ट ने मिश्र को बड़ी राहत दे दी है। हाईकोर्ट ने मिश्र को तीन हफ्ते के अंदर रिवीजन दाखिल करने की छूट दी है। साथ ही, कोर्ट ने राज्य सरकार को छह हफ्ते में केस को निस्तारित करने का भी आदेश दिया हैगणेश दत्त मिश्र के कई प्रॉपर्टी को पुलिस सीज और ध्वस्त कर चुकी है। मिश्र पर मुख्तार का करीबी होने का आरोप है। क्राइम फाइल में मिश्र, मुख्तार गैंग का सदस्य है। गणेश दत्त मिश्र की पत्नी के नाम पर शहर के पॉश इलाके महुआबाग में निर्मित बहुमंजिली इमारत को प्रशासन ने अपने रेडार पर लिया है। मास्टर प्लान की अवहेलना में इस बिल्डिंग के अवैध निर्मित हिस्से को गिराया जाना था। लेकिन, इस मामले में हाईकोर्ट से गणेश दत्त को बड़ी राहत मिली है। फिलहाल कुछ हफ्तों के लिए कोर्ट ने ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है।हाईकोर्ट ने मिश्र को तीन हफ्ते के अंदर रिवीजन दाखिल करने की छूट दी है। साथ ही, कोर्ट ने राज्य सरकार को छह हफ्ते में केस को निस्तारित करने का भी आदेश दिया है। दरअसल, गणेश दत्त मिश्र की पत्नी के नाम पर बने भवन से एक निजी बैंक, निजी फाइनेंस कंपनी के साथ ही अन्य व्यावसायिक संस्थान संचालित होते हैं। बताया जा रहा है कि 2022 में आरबीओ एक्ट की अवहेलना को लेकर भवन के मालिक कार्रवाई की नोटिस जारी की गई थी।इस नोटिस के खिलाफ गणेश दत्त मिश्र ने डीएम (नियंत्रक अधिकारी)की बोर्ड में अपील की थी। मिश्र की याचिका निरस्त कर दिया गया। इसके बाद गणेश दत्त के महुआबाग के भवन से चलने वाले व्यावसायिक संस्थानों को 27 दिसंबर तक हर हाल में बिल्डिंग खाली करने का आदेश दिया गया। बिल्डिंग के अवैध निर्मित हिस्से पर प्रशासन के बुल्डोजर चलने की संभावना को देखते हुए मिश्र ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। इसकी सुनवाई में हाईकोर्ट ने मिश्र को कुछ सप्ताह की राहत दी है।