वन विभाग के वाहन चालकों की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोपों पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने फिलहाल सभी 145 वाहन चालकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. पटना हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक चौधरी की एकलपीठ ने 51 आवेदकों की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद नियुक्ति पर रोक लगा दी और पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सरकार से जवाब मांगा है.

विज्ञापन के प्रावधानों की अनदेखीः 
इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए 51 आवेदकों ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी. आवेदकों की ओर से केस की पैरवी करनेवाले अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने कोर्ट को बताया कि भर्ती प्रक्रिया में विज्ञापन में प्रकाशित प्रावधानों की अनदेखी की गयी.

संविदा चालकों को नहीं दिया गया लाभः
अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने कोर्ट को बताया कि वन विभाग में 145 चालकों की बहाली के लिए विज्ञापन संख्या 37/2023 प्रकाशित की गई थी.इस विज्ञापन के कॉलम 6 में यह प्रावधान किया गया था कि संविदा पर नियुक्त चालकों को 25 अंक का महत्व दिया जाएगा लेकिन किसी भी चालक को 25 अंक का महत्व दिये बिना परीक्षा फल प्रकाशित कर दिया गया.

24 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाईः
आवेदकों के अधिवक्ता ने कोर्ट में ये जानकारी दी कि सफल उम्मीदवारों का वेरिफिकेशन 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को निर्धारित किया गया है. ऐसे में वेरिफिकेशन से पहले भर्ती प्रक्रिया में नियमों की हुई अनदेखी की जांच करना चाहिए. कोर्ट ने सुनवाई के बाद अगले आदेश तक नियुक्ति पर रोक लगा दी. अब इस मामले पर 24 अक्टूबर 2024 को अगली सुनवाई होगी.

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