झारखंड हाईकोर्ट में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में सरकार ने स्वीकार किया है कि घुसपैठ हुई है और साहेबगंज जिले में 4 केस मिले हैं. अब हाईकोर्ट के निर्देश पर फैक्ट फाइंडिंग कमिटी बनेगी. इधर केंद्र ने कहा है कि वह फैक्ट फाइंडिंग कमिटी के गठन के लिए तैयार है. जबकि दूसरी तरफ राज्य सरकार ने कहा कि फैक्ट फाइंडिंग कमिटी पर बातचीत करके तय करेंगे. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कमिटी की बात कही थी. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने पक्ष रखा. इस मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी.
पिछली सुनवाई में केंद्र की ओर से काउंटर एफिडेविट दाखिल किया गया था. इसमें प्रार्थी सैयद दानियल दानिश की याचिका पर सुनवाई हुई. रांची हाईकोर्ट में इससे पहले अगस्त में हुई सुनवाई में राज्य और केंद्र सरकार की ओर से एफिडेविट फाइल नहीं किया गया था. कोर्ट ने केंद्र और राज्य दोनों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने गंभीर मामले में भी केंद्र और राज्य गंभीर नहीं दिख रहे. अगली सुनवाई से पहले गृह मंत्रालय के गृह सचिव को एफिडेविट दायर करने का आखिरी आदेश कोर्ट की ओर से दिया गया था.
देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ संवेदनशील मुद्दा
कोर्ट ने निदेशक UID डायरेक्टर इंटेलिजेंस ब्यूरो, चीफ इलेक्शन कमिश्नर, DG BSF को पार्टी बनाया है. इन सभी को भी घुसपैठ मामले में एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार को SPT एक्ट, वोटर ID के उल्लंघन को रोकने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि बांग्लादेश के हालात से घुसपैठ का मामला ज्यादा गंभीर हुआ. कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा था कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है.
अगर नहीं जागे तो बहुत देर हो जाएगी. कोर्ट ने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा है. झारखंड सरकार ने कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान को लेकर कोई मेकैनिज्म नहीं है. तब कोर्ट ने कहा कि राज्य में सीID है, आईबी है, उनकी सहायता से इसकी पहचान हो सकती है.