हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ममिदान्ना सत्या रत्ना श्री रामचंद्र राव के लिए सोमवार विदाई समारोह का आयोजन किया गया. अब वे झारखंड राज्य के उच्च न्यायालय में अपनी सेवाएं देंगे. न्यायमूर्ति एम.एस. रामचंद्र राव को 30 मई, 2023 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया था. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अब उनकी जगह न्यायमूर्ति राजीव शकधर लेंगे.

कौन हैं न्यायमूर्ति राजीव शकधर?
न्यायमूर्ति राजीव शकधर 11 अप्रैल, 2008 को दिल्ली हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए थे. 17 अक्टूबर, 2011 उनके स्थाई न्यायाधीश के रूप में पुष्टि हुई. साल 2016 में भी मद्रास हाई कोर्ट ट्रांसफर किए गए, जहां उन्होंने 11 अप्रैल, 2016 तक अपनी सेवाएं दी. इसके बाद 15 जनवरी, 2018 को हुए दिल्ली हाई कोर्ट स्थानांतरित हुए. अब केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद न्यायमूर्ति राजीव शकधर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे.

दादा और पिता भी थे जज
न्यायमूर्ति ममिदान्ना सत्या रत्ना श्री रामचंद्र राव के पिता न्यायमूर्ति एम. जगन्नाथ राव भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश थे. उनके दादा भी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे. न्यायमूर्ति एम.एस. रामचंद्र राव को साल 2012 में 29 जून को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था. इसके बाद साल 2021 में 31 अगस्त को तेलंगाना राज्य के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया था.

साल 1989 में अधिवक्ता के तौर पर नामांकन
7 अगस्त, 1966 को हैदराबाद में जन्मे न्यायमूर्ति एम.एस. रामचंद्र राव ने बी.एससी. (ऑनर्स) गणित में उस्मानिया यूनिवर्सिटी में टॉप किया था. साल 1989 में यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से एल.एल.बी. पास किया.

सर्वोच्च अंक हासिल करने के लिए सी.वी.एस.एस. आचार्युलु गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था. साल 1989 को उन्होंने अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया था. इसके बाद साल 1991 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय यू.के. से एल.एल.एम. की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने सिविल लॉ, मध्यस्थता, कंपनी लॉ, प्रशासनिक और संवैधानिक कानून, श्रम और सेवा कानून के क्षेत्र में वकालत की है.

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