JSSC की परीक्षा को देखते हुए 21 और 22 सितंबर को पूरे झारखंड में इंटरनेट सेवा को सरकार द्वारा रोक दिया गया था, जिस कारण कार्यों में समस्या देखने को मिली,पूरा सिस्टम इंटरनेट सेवा के अभाव में अपंग महसूस करने को विवश सा हो गया, जिसके बाद आज झारखंड हाई कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

आपको बता दे की परीक्षा में किसी तरह का बाधा न पहुंचे और प्रश्न पत्र लीक न हो जिसे लेकर राज्य सरकार ने पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बाधित किया था. झारखंड में इसके पहले कई परीक्षाओ में प्रश्नपत्र लीक का मामला तूल पकड़ा था, ऐसे में झारखंड सरकार की बड़ी किरकिरी भी हुई थी,दूसरी तरफ जी जान से तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों में रोष भी दिखाई दिया था.हालांकि प्रश्न पत्र लीक में इंटरनेट की भूमिका बताई गई थी,चुकी झारखंड सरकार इस बार किसी भी तरह की रिक्स लेने से बच रही है, जिसके तहत सरकार ने 21 सितंबर और 22 सितंबर को कुछ घंटों के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगा रखी थी

झारखंड हाई कोर्ट ने छह हफ्तों में मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट पर हुई सुनवाई पर अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया की परीक्षा को लेकर बाधित की गई इंटरनेट सेवा को बहाल करने का निर्देश झारखंड हाई कोर्ट ने दिया. उन्होंने बताया की जज आनंद सेन और जज अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने राज्य सरकार से नाराजगी दिखाते हुए कहा कि अब से अगर इंटरनेट सेवा को बाधित किया जाना है तो हाई कोर्ट का आदेश जरूरी होगा.

सशरीर उपस्थित होने का दिया था निर्देश
राज्य सरकार इसका ध्यान रखें वही कोर्ट ने कहा की परीक्षा की दृष्टिकोण से इंटरनेट सेवा बाधित करना कही से उचित नहीं है. कोर्ट ने आज राज्य के गृह सचिव को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया था, साथ ही उस आदेश का फाइल भी जमा करने को कहा, जिसमें यह निर्गत किया गया था की सुबह के साढ़े चार बजे से साढ़े तीन बजे तक इंटरनेट सेवा बाधित करने का निर्देश था.

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