नई दिल्ली। (अधिवक्ता वाणी) लोकसभा से पास होने के बाद तीन तलाक बिल मंगलवार को राज्यसभा में पेश होगा. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे लेकर अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है. राज्यसभा में तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए मोदी सरकार गैर एनडीए, गैर-यूपीए पार्टियों पर निर्भर रहेगी.
बहरहाल, बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, लेकिन उसने बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन से पिछले सप्ताह सूचना का अधिकार विधेयक राज्यसभा में पारित कराया था. तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पास कराने को लेकर भी बीजेपी को इन दलों से समर्थन की फिर से उम्मीद है.
इस बीच, बताया जा रहा है कि जेडीयू और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी तीन तलाक बिल पर वोटिंग की प्रक्रिया से दूर रहेंगी जबकि बीजद सरकार के पक्ष में वोट करेगी.
लोकसभा में 25 जुलाई को तीन तलाक को अपराध बनाने वाला बिल चर्चा कर पास कर दिया गया था. इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है.
बता दें कि लोकसभा से 25 जुलाई 2019 को फिर तीन तलाक बिल पास हो गया था. कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी समेत कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया, जबकि टीएमसी और सरकार की सहयोगी जेडीयू ने वोटिंग से पहले सदन से वॉक आउट कर दिया. यह बिल पिछली लोकसभा से पास हो चुका था, लेकिन राज्यसभा से इस बिल को वापस कर दिया गया था.
16वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद इस लोकसभा में सरकार कुछ बदलावों के साथ फिर से बिल को लेकर आई है. अब इस बिल को राज्यसभा से पारित कराने की चुनौती सरकार के सामने हैं, जहां एनडीए के पास पूर्ण बहुमत नहीं है.
लोकसभा में बिल को विचार के लिए पेश करने के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े. तीन तलाक बिल को पेश करने का प्रस्ताव पारित हो गया. इसके बाद बिल में प्रस्तावित संशोधनों पर वोटिंग हुई और AIMIM नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ओर से लाए गए संशोधन को सदन ने खारिज कर दिया.