जस्टिस एस ए बोबडे ने देश के 47 वें देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाल लिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पद की शपथ दिलाई। वो 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। जस्टिस बोबडे आठवें मुख्य न्यायाधीश हैं जो महाराष्ट्र से हैं। वो 9 नवंबर को आए अयोध्या रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि के ऐतिहासिक फैसले में पांच जजों की पीठ में शामिल थे। पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जस्टिस बोबडे ने 1978 में नागपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र में नामांकन दर्ज किया। उन्होंने 21 साल तक बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में प्रैक्टिस की और सुप्रीम कोर्ट में भी पेश हुए। उन्हें 1998 में वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया और बाद में मार्च, 2000 में बॉम्बे उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। अप्रैल, 2013 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। वह कई महत्वपूर्ण बेंचों में रहे हैं, जिनमें हाल ही में अयोध्या टाइटल विवाद भी शामिल है। इसके अलावा वो नौ जजों की उस संविधान पीठ में भी शामिल थे जिसने फैसला दिया था कि निजता का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत जीने के मौलिक अधिकार का हिस्सा है। उन्होंने जस्टिस इंदू मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी के साथ मिलकर पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच भी की थी।