मध्यप्रदेश के ऐसे प्राथमिक शिक्षकों को राहत मिल गई है, जिन्हें हाल ही में नौकरी से निकालने का आदेश हो गया था। B.ED धारी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति अब निरस्त नहीं की जाएगी। परेशान प्राथमिक शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सभी को राहत दी है।
मध्यप्रदेश के 25 जिलों के करीब 300 से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। दरअसल, मप्र लोक शिक्षण संचालनालय ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने के आदेश दिए थे। 6 सितंबर को नया आदेश जारी कर पुराने आदेश पर रोक लगा दी गई है।
लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) संचालक की ओर से 28 अगस्त को एक आदेश जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी किया गया था। आदेश में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश का उल्लेख किया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2023 को आदेश जारी कर प्राथमिक शिक्षक के लिए B.ED की डिग्री को अमान्य किया था।
मध्यप्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 18 हजार पदों पर भर्ती की गई थी। जब नियुक्ति को निरस्त करने के आदेश हुए तो उसमें कहा गया था कि प्राथमिक शिक्षक की व्यावसायिक योग्यता B.ED के संबध में सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त 2023 को पारित आदेश में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) की अधिसूचना 29 जून 2018 को निरस्त किया गया है। इस फैसले के आधार पर B.ED योग्यताधारी उम्मीदवार प्राथमिक शिक्षक के लिए पात्र नहीं माने गए थे। प्रदेश के 25 जिलों में ऐसे 300 से अधिक शिक्षक बताए गए थे।
28 अगस्त को डीपीआई ने क्या लिखा था
B.ED योग्यताधारी अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक नियोजन में सम्मिलित नहीं करने संबंधी याचिका WP13768/2022 एवं अन्य समरूप याचिकाओं में उच्च न्यायालय जबलपुर में पारित आदेश दिनांक 3.5.2024 में यह निर्णय दिया गया है कि दिनांक 11.08.2023 के पूर्व नियुक्त B.ED योग्यताधारी प्राथमिक शिक्षक की अभ्यर्थिता को ही मान्य किया जाए। अर्थात सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के उक्त आदेशों के मुताबिक 11 अगस्त 2023 को एवं इसके पश्चात नियुक्त B.ED योग्यताधारी अभ्यर्थियों की प्राथमिक शिक्षक पदों पर नियुक्ति मान्य नहीं होगी।
अगर किसी अभ्यर्थी की योग्यता में गलती से भी B.ED की जगह डीएड लिखा है तो उसकी जांच कर नियुक्ति रद्द करने की कार्रवाई होगी। 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक की व्यवसायिक योग्यता B.ED से संबंधित एक आदेश पारित किया था। जिसमें NCTI की 28 जून 2018 को निरस्त कर दिया गया था। कोर्ट के आदेश के अनुसार B.ED योग्यता वाले उम्मीदवार प्राइमरी शिक्षक बनने के पात्र नहीं होंगे।