○नेशनल लोक अदालत में हुआ, 1036 मामलों का निपटारा
○रायपुर में हुआ पुनः सबसे अधिक प्रकरणों का निराकरण
○20 करोड़ से ज्यादा की समझौता राशि हुई तय
○ किया गया 35 खण्डपीठों का गठन
○नेशनल लोक अदालत में हुआ, 1036 मामलों का निपटारा
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व छ.ग.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा के निर्देश पर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष- न्यायाधीश रामकुमार तिवारी के मार्गदर्शन में 8 फरवरी को जिला न्यायालय रायपुर एवं जिला के अन्य तहसील न्यायालयों में, नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें रायपुर जिला न्यायालय में कुल 1036 प्रकरणों का निराकरण हुआ, जिसमें 880 न्यायालय के लंबित प्रकरण और 156 प्रीलिटिगेशन प्रकरण है। इसमें कुल 8219 मामलों को सुनवाई हेतु रखा गया था, जिसमें 4643 प्रीलिटिगेशन प्रकरण थे तथा 3576 न्यायालय के लंबित प्रकरण थे।
माननीय न्यायधीश रामकुमार तिवारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया उद्घाटन
जिला न्यायालय रायपुर के नवीन भवन में प्रातः 10.40 बजे जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम कुमार तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन किया। जिला न्यायाधीश श्री तिवारी ने उपस्थित पक्षकारों, अधिवक्ताओं एवं सभी अधिकारियों से लोक अदालत में अधिक से अधिक सहयोग प्रदान करने की अपील की। इस अवसर पर रायपुर में पदस्थ सभी न्यायाधीशगण एवं अधिवक्ता संघ रायपुर के विभिन्न पदाधिकारी एवं न्यायालयीन कर्मचारीगण मौजूद रहे। उद्घाटन अवसर पर प्राधिकरण के सचिव उमेश उपाध्याय ने सभी उपस्थित पक्षकारों और विभिन्न वित्तीय संस्थाओं के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि लोक अदालत में राजीनामा करने वाले पक्षकारों को यथासंभव छूट देने की कोशिश करे, ताकी लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा कर प्रकरण समाप्त करने में पक्षकारों का अधिक से अधिक लाभ हो । नेशनल लोक अदालत हेतु जिला न्यायालय रायपुर में कुल 35 खण्डपीठों का गठन किया गया। साथ ही, तालुका स्तर पर गरियाबंद, तिल्दा, देवभोग एवं राजिम के न्यायालयों में भी लोक अदालत लगायी गयी। लोक अदालत की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही खराब मौसम होने के बावजूद न्यायालय में पक्षकारों की भारी भीड मौजूद हो गयी थी। दिन भर में हजारों लोगों ने न्यायालय में पहुंच कर अपने प्रकरणों को आपसी सहमति से हल किया । नेशनल लोक अदालत में निराकृत हुए मामलों में कई ऐसे मामले भी थे, जो लंबे समय से न्यायालय में लंबित थे, ऐसे मामलों में न्यायधीशों की समझाइश के बाद पक्षकारों ने आपसी सहमति से राजीनामा किया।
पक्षकारों ने आपसी सहमति से किया राजीनामा |
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव उमेश कुमार उपाध्याय ने कहा:-
” हमेशा की तरह इस बार भी सभी अधिवक्तागण एवं आमजन ने लोक अदालत में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और लोक अदालत में आपसी राजीनामे के माध्यम से अपने प्रकरणों के निराकरण के लिए तत्परता दिखायी। उन्होनेंं यह भी बताया कि, प्राधिकरण के अध्यक्ससह कुमार तिवारी के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय रायपुर में पिछले वर्ष आयोजित हुई सभी लोक अदालतों में पूरे राज्य में हर बार सर्वाधिक मामलों का निराकरण किया था और वर्ष 2020 की इस पहली लोक अदालत में रायपुर जिला न्यायालय में फिर राज्य में सर्वाधिक मामलों का निराकरण करना ,जिला न्यायालय रायपुर के जुड़े हुए हर व्यक्ति और संस्था के लिए खुशी और गौरव की बात है।”
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इस नेशनल लोक अदालत में भी डॉ. सुमित कुमार सोनी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर के न्यायालय में सर्वाधिक 179 मामलो का निराकरण हुआ ये सभी मामले चेक बाउंस से संबंधित थे।
अपर सत्र न्यायधीश शोभना कोष्टा के न्यायालय में 55 मामले निराकृत हुए। न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन अग्रवाल ने 62, न्यायिक मजिस्ट्रेट गिरवर सिंह राजपूत ने 64 , न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपक शर्मा ने 72 , , न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजूषा टोप्पो ने 49 मामलों का निराकरण किया । इस प्रकार इस नेशनल लोक अदालत में कई न्यायालयों ने बड़ी संख्या में मामलों का निराकरण किया।
आपको विदित हो कि नेशनल लोक अदालत में सुनवाई हेतु कुल 8219 मामले निराकरण के लिए रखे गए। जिसमें सें 1036 मामलों का निराकरण हुआ।
निराकृत मामलों की विषयवार सूची
राजीनामा योग्य आपराधिक मामले- 202
चेक बाउंस के मामले – 467
दुर्घटना दावा प्रकरण – 96
सिविल वाद – 94
विद्युत अधिनियम से संबंधित मामले- 55
विवाह से संबंधित मामले- 08
निराकृत हुए प्रीलिटिगेशन प्रकरण- 156
कुल समझौता राशि – 20,52,25,631 /-रूपये ( बीस करोड़ बावन लाख पच्चीस हजार छह सौ इकत्तीस रूपये)