झारखंड मंत्रिमंडल ने राज्य के वकीलों के लिए पांच लाख रुपये के मेडिकल बीमा के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार के इस फैसले से झारखंड के लगभग 30,000 वकीलों को लाभ मिल सकता है। मंत्रिमंडल ने 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के अधिवक्ताओं की पेंशन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 14,000 रुपये प्रति माह करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसले किए गए हैं।
वकीलों को झारखंड सरकार का तोहफा
कैबिनेट ने नव नामांकित अधिवक्ताओं को हर महीने 5,000 रुपये का भत्ता (स्टाइपेंड) देने का भी निर्णय लिया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ‘झारखंड एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्टी कमेटी’ को वित्तीय वर्ष 2024-25 के वास्ते 5,000 रुपये की राशि देने के लिए 1.5 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
वकीलों के विभिन्न संगठनों ने इस निर्णय की सराहना की। वकीलों का कहना है कि राज्य सरकार के इस फैसले से उन्हें काफी राहत मिलेगी। कानून के प्रहरियों में वकीलों का नाम भी गिना जाता है। ऐसे में झारखंड सरकार का ये फैसला सराहनीय है।
झारखंड में वकीलों को बीमा और भत्ता दोनों मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए यह निर्णय ऐतिहासिक साबित होगा। सोरेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘देश में पहली बार….राज्य सरकार अब राज्य के सभी नए वकीलों को पांच साल तक मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करेगी ताकि उन्हें शुरुआती दिनों में इस पेशे में बने रहने की ताकत मिल सके।’