सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पालघर में 16 अप्रैल को दो साधुओं सहित एक ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले में शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया हैं। वही इस मामले में पांच और लोगों को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया है। महाराष्ट्र के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब तक इस मामले में 115 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें नौ आरोपी नाबालिग हैं और उन्हें किशोर सुधार गृह भेज दिया गया है।
जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार को तलब किया है। महाराष्ट्र सरकार को चार सप्ताह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट पेश करनी है। इस याचिका में कहा गया है कि हिंसक भीड़ ने दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की पीट-पीट कर हत्या करना पुलिस की विफलता का नतीजा है क्योंकि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करके यह भीड़ एकत्र हुई थी।
शीर्ष अदालत ने इस हत्याकांड की जांच पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया और याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह इसकी एक प्रति महाराष्ट्र सरकार के वकील को सौंपे। न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार चार सप्ताह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल करेगी।
यह याचिका शशांक शेखर झा ने अधिवक्ता राशि बंसल के माध्यम से दायर की है। याचिका में इस हत्याकांड की जांच शीर्ष अदालत की ओर से गठित विशेष जांच दल या फिर शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में किसी न्यायिक आयोग से कराने का अनुरोध किया गया है। इसी तरह, याचिका में सारा मामला सीबीआइ को सौंपने और इस घटना को रोकने में विफल रहने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक मामले के कुछ आरोपी गांव से भागकर आसपास के घने जंगलों में छिप गए थे, जिन्हें ड्रोन के जरिये पुलिस ने ढूंढ़ निकाला। इनमें से पांच गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों को शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश किया गया है। साथ ही 13 मई तक के लिए इनकी सीआइडी कस्टडी की मांग की गई है।