उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को एक 40 वर्षीय महिला को दो साल पहले अपने पति की हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मुकदमे के दौरान सबसे खास बात यह रही कि नौवीं क्लास में पढ़ने वाली दंपती की बेटी द्वारा पुलिस और अदालत के सामने अपनी मां के खिलाफ दी गई गवाही ने इस केस को पुख्ता कर अंजाम तक पहुंचाया।
जिला सरकारी वकील प्रमोद पंथ ने बताया कि अदालत ने पति की हत्या करने की दोषी महिला पर आजीवन कारावास के साथ की सजा के साथ 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में दोषी को अतिरिक्त पांच साल जेल में बिताने होंगे।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 23 जुलाई को इस मामले की सुनवाई पूरी हुई, जिसमें 14 फरवरी, 2022 को, पूरन राम ने राजस्व पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि पिथौरागढ़ के डिगास गांव में रहने वाली उसकी भाभी सुनीता देवी (40) ने अपने पति जितेंद्र राम की बेरहमी से हत्या कर दी।
नाबालिग ने पुलिस और अदालत के साथ अपराध का भयावह विवरण साझा किया और जांच के दौरान उसकी मां ने अपराध कबूल किया और बताया कि उसने अपने पति की हत्या में इस्तेमाल किया गया ब्लेड फेंक दिया था, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया।