सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों एक सर्कुलर जारी करके बगैर अनुमति के वीडियो कांफ्रेंसिंग लिंक / स्क्रीन को अनधिकृत तरीके से साझा करने के खिलाफ एडवोकेट्स ऑन  रिकॉर्ड (AOR) और पार्टीज़ इन पर्सन को उनके विरुद्ध कार्यवाही किए जाने को लेकर आगाह किया गया है।

कोर्ट द्वारा जारी इस सर्कुलर में इस बात पर नाराज़गी जताई कि एडवोकेट्स – ऑन – रिकॉड, स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) का उल्लंघन करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए उपलब्ध कराये गये लिंक को सुनवाई के दौरान जिरह हेतु दो से अधिक वकीलों को उपलब्ध करा देते हैं और इससे कोर्ट की कार्यवाही बाधित होती है। इस पर सर्कुलर में लिंक को अनधिकृत रूप से साझा किये जाने पर पार्टीज़ – इन – पर्सन और AOR को आगाह किया गया है कि ऐसा करने पर कोर्ट द्वारा उन्हें अपने समक्ष पेश होने की अनुमति नहीं देने के साथ ही उनके  ऑडियो और वीडियो तक पहुंचने को भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

सर्कुलर में लिखा है – 

“अधिवक्ताओं / पार्टीज़ – इन – पर्सन को उपरोक्त स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर का उल्लंघन करके कोर्ट के समक्ष पेश होने की अनुमति नहीं दी जायेगी, बल्कि उनके ऑडियो और वीडियो तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। भविष्य में उपरोक्त दिशानिर्देशों का उल्लंघन किये जाने के लिए एडवोकेट – ऑन – रिकॉर्ड / पार्टीज – इन – पर्सन, या इस तरह के उल्लंघन के लिए अन्य संबंधित व्यक्ति को गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।”

और कहा गया कि –

 “सभी AOR, पार्टीज़ – इन – पर्सन और सभी अन्य संबंधित व्यक्तियों को चेतावनी दी जाती है कि भविष्य में किसी मुकदमे की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान कोर्ट की अनुमति  के बिना, अनधिकृत तरीके से लिंक या स्क्रीन को साझा नहीं किया जाना चाहिए जो 4 जुलाई 2020  को प्रक्रिया के  संचालन हेतु तय मानको का उल्लंघन है।“

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